Sitamarhi News: तौल केंद्र को चालू करा गन्ना खरीद की मिले पक्की रसीद, किसान परेशान
Sitamarhi News बिहार के सीतामढ़ी जिले में पिछले साल ढ़ुलाई खर्च के मद में किसानों का अब तक नहीं हुआ कोई भुगतान गन्ना किसान इस मामले को लेकर काफी परेशान हैं। गन्ना उत्पादन होने के बिक्री में हो रही परेशानी।
सीतामढ़ी, जासं। ईंखोत्पादक संघ के अध्यक्ष व ईख काश्तकार संघ के प्रदेश महासचिव नागेंद्र प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री को आवेदन भेजकर गन्ना उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक में विभागीय मुलाजिमों ने किसानों का हो रहे शोषण और दोहन पर पूरी तरह पर्दा डालने का काम किया है। कहा है कि काश्तकारों के व्यापक हित में रीगा चीनी मिल के विभिन्न तौल केंद्रों को चालू कराकर संबंधित मिलो के द्वारा गन्ने की खरीद पक्का रसीद पर कराने का आदेश दिया जाए जिससे कि किसानों को सरकारी कीमत मिलने में कोई झमेला नहीं हो।
आवेदन में कहा है कि पिछले साल की तर्ज पर रीगा के किसानों को ढ़ुलाई खर्च देने का निदेश दिया गया है लेकिन पिछले साल सरकार ने जो फैसला लिया था, उसके अनुरूप एक साल बीत जाने के बावजूद ढ़ुलाई खर्च के मद में कोई भुगतान किसानों को अब तक नहीं हो पाया है। यहां तक कि दूसरे चीनी मिलों को गन्ना भेजा गया, उसका पूरी तरह भुगतान भी अब तक नहीं हो पाया है। इसके साथ ही पिछले सीजन में विभाग ने विष्णु शुगर मिल, गोपालगंज को 5.25 लाख क्विंटल, मगध सूगर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड, सिंधवालिया को 4.41 लाख क्विंटल और मझौलिया शुगर को 1.34 लाख क्विंटल, कूल 11 लाख क्विं.गन्ना रीगा चीनी मिल क्षेत्र से आवंटित किया था। हालांकि संपूर्ण क्षेत्र में 18_20 लाख क्विंटल गन्ना किसानों के खेतों में लगा हुआ था। यह बात भी आपसे छिपा दी गई कि इन तीनों चीनी मिलों ने मिलकर केवल 4.72 कुंतल गन्ने की खरीदारी पिछले बार की। बाकी करीब 10 लाख क्विंटल से अधिक गन्ना बिचौलियों के हाथों मिलों ने खरीदारी की और किसानों को मजबूरन औने पौने भाव और आधी कीमत पर गन्ना बेचने को मजबूर कर दिया गया और बांकी गन्ना खेतों में ही रह गया,, जिसके चलते करोड़ों का नुकसान किसानों को हुआ। ये बातें भी विभाग ने आपके समक्ष नहीं रखी.अगर इन बातों को आपकी जानकारी में लाई गयी होती, तो कार्रवाई का आदेश उसी समय जारी हो गया रहता।
खरीद दर निर्धारण के पहले ही खुल गया निजी तौल केंद्र, असमंजस में किसान
रीगा चीनी मिल क्षेत्र में गन्ना के खरीद करने को लेकर हरपुर पिपरा गांव में प्राइवेट तौल केंद्र खोले जाने को लेकर किसान असमंजस में हैं। बेतिया निवासी बच्चा गद्दी के पुत्र नूर आलम गद्दी ने तौल केंद्र स्थापित किया है। बतातें चलें कि पिछले वर्ष इसी तरह निजी तौल केंद्र स्थापित कर औने पौने दाम में किसानों का गन्ना खरीद किया गया था। आगामी सीजन को लेकर अभी किसान असमंजस की स्थिति में हैं क्योंकि चीनी मिल के चलने की संभावना अभी दिखाई नहीं दे रही है।
नियमानुसार प्रतिवर्ष चीनी मिल नवंबर माह के अंतिम सप्ताह से प्रारंभ होता था। इस सीजन में किसानों का गन्ना सरकार द्वारा निर्धारित चीनी मिल को देने की घोषणा नहीं की गई है। अधिकृत चीनी मिल की घोषणा के बाद ही तौल केंद्र स्थापित किया जाना नियमानुकूल है। रीगा चीनी मिल के एचआरडी सह प्रभारी प्रबंधक भगवान नारायण चौधरी ने बताया कि आयुक्त के आदेश के बाद ही तौल केंद्र निर्धारित होगा। अभी जो तौल केंद्र हरपुर पिपरा में स्थापित किया गया है वह अवैध है। रीगा चीनी मिल चलने को लेकर अभी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। क्योंकि सरकार के सहयोग के बिना मिल चलाना असंभव है। चीनी मिल प्रबंधन आर्थिक परेशानी की समस्या से सरकार को अवगत करा दिया है। सरकार के स्तर से पहल हुए बिना चीनी मिल का संचालन असंभव है।