बाल तस्करी रोकने को वर्चुअल माध्यम से भेद्यता मैपिंग प्रक्रिया लांच करने वाला सीतामढ़ी बना बिहार का पहला जिला
सीतामढ़ी जिले में बाल तस्करी को रोकने तथा उससे जुड़े अति संवेदनशील परिस्थिति में रहने वाले बच्चों को चिन्हित कर उनके परिवारों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करने हेतु जिला प्रशासन पूरी गंभीरता के साथ कार्य करेगा। उक्त बातें जिलाधिकारी ने उन्मुखीकरण कार्यशाला में कही।
सीतामढ़ी, जेएनएन। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के द्वारा सीतामढ़ी बिहार का प्रथम जिला है, जहां बाल तस्करी रोकने हेतु वर्चुअल माध्यम भेद्यता मैपिंग प्रक्रिया लांच की गई है तथा उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित हुआ है। इस वर्चुअल कार्यक्रम में समाहरणालय सभाकक्ष से जिलाधिकारी अभिलाषा कुमारी शर्मा सहित कई वरीय अधिकारियों ने भाग लिया। सीतामढ़ी जिले में बाल तस्करी को रोकने तथा उससे जुड़े अति संवेदनशील परिस्थिति में रहने वाले बच्चों को चिन्हित कर उनके परिवारों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करने हेतु जिला प्रशासन पूरी गंभीरता के साथ कार्य करेगा। उक्त बातें जिलाधिकारी ने उन्मुखीकरण कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि इस संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण कार्य के लिए सीतामढ़ी जिले को चुना जाना अत्यंत ही सराहनीय पहल है।
कोरोना वायरस महामारी के कारण जिले में बहुत सारे प्रवासी श्रमिक एवं उनके बच्चे वापस आए हैं। बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने हेतु जिले में ऐसे बच्चों का भेद्यता मानचित्रण काफी महत्वपूर्ण है। इससे ऐसे चिन्हित बच्चों के परिवारों को सरकारी योजनाओं से जोड़कर सुरक्षा चक्र तैयार किया जा सकता है। इस कार्य में स्वयंसेवी संस्थान की भूमिका महत्वपूर्ण है। बचपन बचाओ आंदोलन के स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं का भी इसमें महत्वपूर्ण सहयोग लिया जाएगा। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्य्क्ष ने भी वर्चुअल माध्यम से उन्नमुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित किया। इसके पूर्व बाल संरक्षण आयोग के अधिकारियों द्वारा भेधत्ता मैपिंग के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी विकास कुमार, डीपीआरओ परिमल कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी प्रभात कुमार, श्रम अधीक्षक आदि उपस्थित थे।