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साहब की गाड़ी है, बीमा क्यों कराएं, सरकारी गाड़ियों में न फिटनेस न ही इंश्योरेंस, समस्‍तीपुर ज‍िले का मामला

Samastipur news समस्‍तीपुर के दलस‍िंंहसराय में अजीबों-गरीब मामला सामने आया है। सरकारी गाड़ियों का फिटनेस न ही इंश्योरेंस है । अनुमंडल के कई सरकारी वाहनों की पूर्णता में कई पेंच सड़क पर सरपट दौड रही ऐसी गाड़ियां ।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 07:29 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 07:30 AM (IST)
साहब की गाड़ी है, बीमा क्यों कराएं, सरकारी गाड़ियों में न फिटनेस न ही इंश्योरेंस, समस्‍तीपुर ज‍िले का मामला
समस्‍तीपुर ज‍िले में कई सरकारी गाड़ियों की बीमा का भी पता नहीं। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

दलसिंहसराय, {अंगद कुमार सिंह}। चिराग तले अंधेरा वाली लोकोक्ति को यदि देखनी हो तो सरकारी कार्यालयों की गाड़ियों की वैद्यता और प्रदूषण प्रमाण पत्रों की ही जांच कर लें। इस उक्ति को आप सौ फीसदी सच पाएंगे। यहां कई ऐसी सरकारी गाड़ियां हैं जो नियमों का सीधा-सीधा उल्लंघन करते हुए दिखती हैं। कई गाड़ियों की बीमा का भी पता नहीं तो कई का प्रदूषण प्रमाण पत्र जांच के दायरे में है। हो सकता है इन गाड़ियों पर चल रहे अधिकारियों को प्रदूषण और बीमा का पता न हो फिर भी ऐसी लापरवाही शर्मसार करती है। शहर में एम परिवहन एप से जुड़े लोग भी ऐसी गाड़ियों की जानकारी लेकर दबी जुबान में प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। नियमानुसार अगर 29 दिसम्बर 2016 के बाद यदि किसी भी गाड़ी का फिटनेस या इंश्योरेंस होता तो वह ऑनलाइन एम परिवहन एप पर दिख जाता है। लेकिन एम परिवहन पर दलसिंहसराय के एसडीओ और एसडीपीओ के उपयोग में आने वाली वाहनों के नंबर का कोई रिकॉर्ड नहीं दिखता है। इतना ही नही थाने में चल रही जीप से लेकर स्कार्ट गाड़ी तक का यही हाल है। दैनिक जागरण ने जब एम परिवहन एप से सरकारी गाड़ियो की पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

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जिलाधिकारी की गाड़ी संख्या बीआर 33 आर 0011 का निबंधन 8अप्रैल 2019 को हुआ। एम परिवहन एप पर सिर्फ निबंधन का वर्ष दिख रहा है। इस वाहन का इंश्योरेंस नहीं दिख रहा है। मतलब साफ है कि जिलाधिकारी की इस गाड़ी का इंश्योरेंस फेल है। या निबंधन तो हुआ लेकिन विभाग के द्वारा इंश्योरेंस नही कराई गई।

पुलिस अधीक्षक : एसपी के सरकारी वाहन महिंद्रा की स्कार्पियो निबंधन संख्या बीआर 33 वाई 9000 की एम परिवहन एप के माध्यम से जांच की गई तो पता चला कि इस वाहन का फिटनेस वर्ष 32 तक है लेकिन वाहन इंश्योरेंस 22 फरवरी 2018 में ही समाप्त हो चुका है।

एसडीएम दलसिंहसराय : दलसिंहसराय अनुमंडल मुख्यालय के सबसे बड़े अधिकारी एसडीएम दलसिंहसराय की टाटा सूमो निबंधन संख्या बीआर 33 डी 8321 का कोई डेटा एम परिवहन एप पर उपलब्ध ही नहीं मिला। मतलब साफ है कि इनके वाहन का न तो इंश्योरेंस है न ही फिटनेस। नियमानुसार अगर अगर 29 दिसम्बर 2016 के बाद अगर किसी भी गाड़ी का फिटनेस या इंश्योरेंस होता है तो वह ऑनलाइन कर दी जाती है। इसके बाद वह एम परिवहन एप पर दिखने लगता है। यह तो महज कुछ सरकारी गाड़ियों का हाल है। अगर जिले के सभी सरकारी वाहनों की जांच की जाए तो लगभग वाहनों का इश्योरेंस और फिटनेस फेल ही मिलेगा ।

दुर्घटना होने पर कौन होगा जिम्मेवार

सरकारी गाड़ियों के फिटनेस और इंश्योरेंस को लेकर जब शहर के कुछ वाहन चालकों से बात की गई तो कई चालकों ने कहा कि नियम बनाने वाले अधिकारियों की गाड़ियों में ही जब प्रदूषण और बीमा फेल रहेगा तो फिर आम पब्लिक के ऊपर नियम कैसे चलेगा. इन अधिकारियों की गाडिय़ों से अगर कोई अनहोनी हो जाए तो सामने वाले को क्लेम भी मिलना मुश्किल होगा। मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के तहत बिना बीमा और प्रदूषण प्रमाण पत्र के गाड़ी चलाना कानून अपराध है। मगर ये सरकारी गाड़ियां बिना रोक-टोक के ही सड़कों पर चल रही हैं।

जिलाधिकारी के वाहन का सभी कागजात अपडेट है । तकनीकी कारणों से एम परिवहन एप पर नही दिख रहा। - - ऋषव कुमार,जिला जनसंपर्क पदाधिकारी समस्तीपुर।


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