भक्तों का कष्ट हरण करने और सद्गति देने आते भगवान
ब्रह्मापुरा स्थित बाबा सर्वेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीराम कथा के सातवें दिन कथा वाचक मनीष माधव जी ने कहा कि भगवान भक्तों के कष्टों का हरण करने और उन्हें सद्गति प्रदान करने केलिए आते हैं।
मुजफ्फरपुर। ब्रह्मापुरा स्थित बाबा सर्वेश्वरनाथ मंदिर प्रांगण में चल रही श्रीराम कथा के सातवें दिन कथा वाचक मनीष माधव जी ने कहा कि भगवान भक्तों के कष्टों का हरण करने और उन्हें सद्गति प्रदान करने केलिए आते हैं। वे एक ही हैं, चाहे वे मंदिर में हों या आपके घर में रखीं मूर्तियों में। उनकी पूजा नित्य दिन निष्ठा से करनी चाहिए। कथा के दौरान जनकपुर से श्रीराम जानकी सहित सभी वर-वधुओं की विदाई का प्रसंग आने पर माहौल देखते बनता था। उधर, अयोध्या में रामजानकी के आगमन पर खुशियां मनाई गई। धूमधाम से उत्सव हुआ। मौके पर महंत संजय ओझा, बाबा गरीबनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित विनय पाठक, मुख्य यजमान कृष्ण कुमार, आचार्य संतोष तिवारी, वार्ड पार्षद गायत्री चौधरी, हरिमोहन चौधरी, भवेश भारद्वाज, पं.प्रभात मिश्र, पं.जयकिशोर मिश्र समेत काफी संख्या में श्रद्धालु थे।
सत्संग ही कथा की भूमि है और ईश्वर बीज रूप : सत्संग ही कथा की भूमि है और ईश्वर बीज रूप। कथा गंगा है, जिसके संकल्प मात्र से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। कथा श्रवण से तन, मन व आचरण तीनों शुद्ध हो जाते हैं। जब आचरण शुद्ध होता है, तो आत्मा शुद्ध हो जाती है। ये बातें मंगलवार को सनातन धर्म जागरण मंच की ओर से बीएमपी सिक्स दुर्गा मंदिर प्रांगण में शुरू हुई संगीतमय श्रीराम कथा के पहले दिन कथावाचक बाल संत शाश्वत भार्गव जी महाराज ने कहीं। कहा कि आत्मा का शुद्ध होना ही ईश्वर के सान्निध्य को प्राप्त करता है। यह मानव देह बड़ी दुर्लभ है और उससे भी दुर्लभ है भगवान की कथा। जब कई जन्मों का पुण्य उदय होता है, तब ही राम कथा अच्छी लगती है। इसके पहले कथा की शुरुआत भगवान गणपति, मंगलमूर्ति हनुमान जी और शिव-पार्वती की स्तुति से की गई। इसमें मंच के सभी सदस्य सहित सैकड़ों भक्त मौजूद थे।