दरभंगा में शिवधारा अनाज चोरी का 'हॉट स्पॉट', होगी जांच तो खुलेंगे कई राज
Bihar News बाजार समिति एरिया होने के कारण शिवधारा व आसपास बने गोदामों में आसानी से छुपाया जाता चोरी का अनाज प्रखंड से लेकर अनुमंडल स्तर पर हर जगह कालाबाजारियों का रैकेट कर रहा काम यह खेल देख आला अधिकारी भी हतप्रभ है।
दरभंगा, जासं। जिले में गरीबों के निवाले की चोरी के खेल का तार जिले के विभिन्न प्रखंडों तक जुड़ा हुआ है। प्रखंड के पदाधिकारी से लेकर संबंंधित विभाग के कर्मी और कुछ पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से जिले में अनाज चोरी का रैकेट तेजी से फल-फूल रहा है। दिन के उजाले में अनाज की चोरी कर ली जाती है। रात के अंधेरे की बात तो दूर है। यह खेल देख आला अधिकारी भी हतप्रभ है। लेकिन, उनके हाथ एक भी सबूत नहीं लग पा रहा है, यह आश्चर्य की बात है।
सूत्र बतातें हैं कि जिले में रोजाना सबकी आंखों के सामने अनाज की चोरी का खेल चल रहा है। लेकिन, नीचे वाले अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते। सो, राज की बात ऊपर तक अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाती। हद तो यह हैं कि सटीक जानकारी के बाद भी नीचे के कर्मी अधिकारियों को गुमराह कर रहे है। मनोबल इतना बढ़ गया हैं कि इनको अब कार्रवाई का जरा सा भी डर नहीं रहा। मतलब, अधिकांश पदाधिकारियों की मिलीभगत की बात सामने आ रही है। प्रखंड, अनुमंडल से लेकर जिला तक हर जगह इसके तार जुड़े हुए है। ऊपर से सफेदपोश लोगों का साथ है। लेकिन, इन सबमें एक बात काफी कॉमन है। चोरी का अड्डा। सभी को पता हैं कि शिवधारा के आसपास बने गोदामों में चोरी का अनाज पहले लाया जाता है, फिर राज्य खाद्य निगम का बोरा बदल कर उसे दूसरे ट्रकों के माध्यम से दूसरे जिले और राज्यों में भेजा जाता है। कुछ माल यहां भी बेच दिया जाता है। यानि, पूरी सेङ्क्षटग के साथ खेल को अंजाम दिया जा रहा है।
एक वर्ष पूर्व भी जिलाधिकारी के निर्देश पर शिवधारा स्थित एक गोदाम में छापेमारी की गई। वहां से राज्य खाद्य निगम का करीब चार सौ बोरा अनाज पकड़ा गया। बावजूद, कालाबाजारी अपनी हड़कतों से बाज नहीं आ रहे। वहीं पुराना खिलाड़ी आज भी क्रिच पर बल्लेबाजी कर रहा है और प्रशासनिक अधिकारी तमाशबीन बने हुए है। जानकार बतातें हैं कि यदि शिवधारा के आसपास बने गोदामों की जांच कराई जाए तो रोजाना चोरी का अनाज बरामद होगा। लेकिन, नीचे के अधिकारी इस बात को ऊपर तक नहीं पहुंचने देते है। इसके पीछे कारण हैं कि सबका अपना तय हिस्सा मिल जाता है। इसलिए सबकी जुबान खामोश है।
एनएच और एसएच कालाबाजारियों की सबसे सेफ जगह
अनाज चोरी कर सबसे पहले शिवधारा के आसपास एनएच और एसएच किनारे बने गोदामों में माल को छिपाया जाता है। फिर इसे गंतव्य स्थानों पर भेज दिया जाता है। व्यवसायिक इलाका और बाजार समिति होने के कारण यहां कई गोदाम है। दिन भर ट्रकों की आवाजाही होती रहती है। माल की लोङ्क्षडग और अनलोङ्क्षडग आम बात है। सो, एक नंबर का माल हो या फिर चोरी का दिन के उजाले में भी किसी की पकड़ में नहीं आता। यदि ढग़ से पूरे मामले की जांच हो तो जिला प्रशासन को बड़ी सफलता हाथ लगेगी।
ना दिया स्पष्टीकरण का जवाब, ना गठित हुआ प्रपत्र क
डीएम व एसएसपी के संयुक्त आदेश के बाद भी मब्बी ओपी प्रभारी ने अब तक अपना स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया है। ना ही दागियों पर राज्य खाद्य निगम ने प्रपत्र क गठित किया है। यह दोनों ही बातें यह दर्शाती हैं कि विभाग के कनीय अधिकारी व कर्मी अपने कर्तव्य के प्रति कितने सजग है।
समाहरणालय में भी अनाज चोरी की खूब हो रही चर्चा
जिले में कई दिन से अनाज चोरी प्रकरण को लेकर समाहरणालय में खूब चर्चा हो रही है। अनाज चोरी के खेल में दागी कर्मी व इसके ङ्क्षकगपिन को लेकर लोग दबी जुबान से एक-दूसरे से बातचीत करते रहते है। इतना ही नहीं, चौक-चौराहे और चाय की दुकानों पर भी चर्चा जोर पकडऩे लगी है।