Sheohar News: कोरोना संक्रमण के बीच मजदूरी के लिए परदेस जाने को मजबूर है मजदूर
Sheohar News कोरोना संक्रमण के बीच गेहूं की कटनी के लिए पंजाब जाने को मजबूर है मजदूर। स्थानीय स्तर पर रोजगार नहीं मिलने से मजबूर लोग फिर पकड़ रहे परदेस की राह। पंजाब जाकर वहां के खेतों में गेहूं की कटाई करेंगे।
शिवहर, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर के बीच महाराष्ट्, दिल्ली और पंजाब से प्रवासियों की घर वापसी हो रही है। महानगरों में फैक्ट्रियों के बंद होने और लॉकडाउन की आशंका के बीच लोग बुझे मन से अपने घर लोट रहे है। इन सबके बीच कुछ ऐसे भी लोग है जो रोजी-रोटी के लिए एक बार फिर महानगरों का रुख कर रहे हैं। सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर जारी नई गाइडलाइन के तहत पचास फीसद यात्रियों के साथ ही बसों का परिचालन करना है। इसके लिए बस संचालक एक यात्री से दो सीट का किराया वसूल रहे है। लिहाजा, मजदूरों को अधिक किराया चुकाना संभव नहीं हो पा रहा है।
होली को लेकर पंजाब से शिवहर के 300 मजदूर अपने घर लौटे थे। इसी बीच देशभर में कोरोना की दूसरी लहर आ गई। इसके चलते मजदूर पंजाब नहीं लौट सके। हालांकि, होली के दस दिन बाद ही प्रवासियों को रोजी-रोटी की चिंता सताने लगी। अब एकबार फिर ये मजदूर शिवहर से बस के जरिए पंजाब जाने की तैयारी में है। लेकिन भाड़ा का बोझ उनकी सफर की राह में बाधा साबित हो रही है। हालांकि, कुछ मजदूर बस से मुजफ्फरपुर जाकर पंजाब रवाना हो रहे है। अभिराजपुर बैरिया पंचायत के वार्ड दस के दो दर्जन प्रवासी पंजाब के लुधियाना शहर के लिए रवाना हुए। गांव के रामप्रवेश राम, बजरंग कुमार, बिल्टू राम, संजय प्रसाद यादव, मंजय यादव, बिहारी लाल व रितेश राम आदि ने बताया कि, वे लुधियाना के विजयावाड़ा और मत्तेवाड़ा को जा रहे है। वहां के खेतों में गेहूं की कटाई करेंगे।
बताया कि, गांव के 40 लोग लुधियाना के खेतों में सालोभर मजदूरी करते है। सभी होली पर गांव आए थे। यहां आने पर कोरोना का हंगामा हो गया। लिहाजा, यही रह गए। बताया कि, यहां काम की तलाश की। कोई काम नहीं मिला। जबकि, लुधियाना से ठकेदार ने चार दिन पहले फोन का आने को कहा। लिहाजा सभी लोग लुधियाना जा रहे है। इन मजदूरों ने बताया कि, कोरोना संक्रमण को लेकर सफर में कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए उन लोगों ने कोरोना का जांच करा लिया है। इधर, तरियानी के शंभु राम, दीपक राम, रामाश्रय राम, जुगल राम, ब्रह्मदेव राम, रामसूरत राम समेत दर्जनभर लोग भी पंजाब के लिए रवाना हुए। बताया कि, शिवहर के इलाकों में रोजगार या मजदूरी की कोई व्यवस्था नहीं है। बताया कि, हर साल होली के पहले गांव लौटते है और होली बाद पंजाब चले जाते है। जहां गेहूं की कटाई करते है। फिर धान की रोपाई और धान की कटाई के बाद छठ में गांव लौटते है। छठ बाद जाते है तो होली में आते है। पंताब के खेतों में मजदूरी करने पर रोजाना छह सौ रुपये मिलता है। ओवरटाईम करने पर एक हजार तक की कमाई हो जाती है। राम सूरत राम ने बताया कि, गरीबों के पास मजदूरी ही एक मात्र सहारा है। कहा कि, लोग अपने गांव-घर लौट रहे है और हम जैसे गरीब पेट के लिए महानगरों को जाने को मजबूर है। जुगल राम ने बताया कि, इस समय नहीं जाएंगे तो खेत मालिक और ठेकेदार अगले सीजन में भी काम नहीं देगा। इन मजदूरों ने बताया कि, कुछ लोग शिवहर से बस से सीधे पंजाब गए है। जबकि, कुछ लोग मुजफ्फरपुर और पटना जाकर पंजाब के लिए ट्रेन पकड़ेंगे।