शिवहर जिले एक ऐसी बस्ती जहां सब दिन रहता जलजमाव
शिवहर जिले के पिपराही प्रखंड की मोहनपुर स्थित वाउर्से छह की दलित बस्ती में जलजमाव से परेशानी बरकरार है। बाढ़ बरसात के महीनों बाद भी दलित बस्ती के लोगों के लिए जलजमाव और जलकुंभी एक बड़ी और गंभीर समस्या है।
शिवहर, जागरण संवाददाता । बाढ़ और बारिश का दौर समाप्त हो ने बावजूद जिले के पिपराही प्रखंड की मोहनपुर स्थित वाउर्से छह की दलित बस्ती में तबाही बरकरार है। बाढ़ बरसात के महीनों बाद भी दलित बस्ती के लोगों के लिए जलजमाव और जलकुंभी का दर्द बरकरार है। जुलाई अगस्त में बाढ़ एवं बारिश के पानी से चारों तरफ से घिरा यह बस्ती टापू नजर आता था। तब चारों ओर पानी की सफेद चादर बिछी नजर आती थी जो सितंबर-अक्टूबर में हरे रंग में तब्दील हो गई थी। अब पानी सड़कर काला हो गया है। वहीं इसकी सड़ांध से आसपास के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। चारों ओर जल सतह जलकुंभी आच्छादित हो गया है। जलनिकासी की व्यवस्था नही होने के चलते यहां के लोगों का जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो रहा। सैकड़ों एकड़ का यह क्षेत्र जहां फसल लहलहाते थे, आज जलकुंभियों का कुंभ बन गया है। ऐसे में किसानों के लिए उनकी जमीन भी बोझ बन गई है। मौजूदा हालात में आने वाले समय में भी इन खेतों से फसल की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही।
स्थानीय रामजनम पासवान, कैलाश पासवान, शिव कुमार पासवान एवं हरेंद्र पासवान सहित अन्य ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि यह समस्या करीब पांच वर्षों से है। हर साल बरसात के दिनों में यहां की स्थिति नारकीय हो जाती है। कारण, इस क्षेत्र के जल निकासी के लिए बनाए गए नाले पर अतिक्रमणकारियों ने घर बना दिया है। नतीजतन यह समस्या स्थाई बन गई है। जलनिकासी नहीं होने से अब इलाके में सालोभर जलजमाव और जलकुंभी बरकरार रहता है। इसके चलते दिन में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है तो रात में सांप बिच्छुओं के भय से से दहशतजदा रहेते है। वार्ड सदस्य सह वार्ड क्रियान्वयन समिति अध्यक्ष चंदा देवी ने बताया कि जल्द से समस्या के समाधान के लिए प्रयास जारी है।