शाही को नहीं मिल सका वाजिब दाम, किसानों ने चाइना लीची से पाल रखी है उम्मीद
लॉकडाउन के चलते शाही लीची के कारोबारियों को भारी नुकसान। 80 फीसद शाही लीची बेचे जाने को उद्यान विभाग बता रहा उपलब्धि।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। लॉकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों में प्रशासनिक सक्रियता से शाही लीची को भले ही बाजार मिल गया, लेकिन वाजिब दाम नहीं मिल सके। इससे किसान समेत कारोबारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। इन सबके बीच बाजार से शाही लीची गायब हो गई है। ऐसे में अब किसान व कारोबारियों की उम्मीदें चाइना लीची से लगी हैं। इसकी तुड़ाई 10 जून से होनी है।
पिछले साल शाही लीची ने बंपर कारोबार किया
लीची उत्पादक किसानों की मानें तो पिछले साल शाही लीची ने बंपर कारोबार किया था। वहीं, एईएस के चलते चाइना लीची को बाजार नहीं मिलने से नुकसान उठाना पड़ा था। इस बार परिस्थितियां थोड़ी उलट हैं। शाही लीची को बाजार तो मिला, लेकिन लॉकडाउन से कीमत नही मिल पाई। अब चाइना लीची ही किसानों व कारोबारियों के नुकसान को कम कर सकती है।
होम डिलीवरी की व्यवस्था का अच्छा रिस्पांस
हालांकि, शाही लीची को बाजार उपलब्ध कराने की प्रशासनिक व्यवस्था बेहतर रही। यही वजह है कि वह समय पर बिक गई। सहायक उद्यान निदेशक अरुण कुमार की मानें तो होम डिलीवरी की व्यवस्था का अच्छा रिस्पांस मिला है। इसके अलावा देश के अलग-अलग इलाकों में लीची की खेप भेजी गई है। अब तक 80 फीसद शाही लीची बेची जा चुकी है। शीघ्र ही चाइनीज लीची और उसके बाद आम की खेप भी भेजी जाएगी। बताया कि पवन एक्सप्रेस में मुंबई के लिए पार्सल वैन की व्यवस्था की जा रही है।
घाटे का सौदा साबित हुई लीची
बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह की मानें तो इस बार किसानों के लिए लीची घाटे का सौदा साबित हुई है। मुंबई समेत बड़े बाजार नही मिलने से किसानों को लीची की आधी कीमत भी नहीं मिल सकी है। कई इलाकों में तुड़ाई, पैकिंग व परिवहन के खर्च के बराबर भी कीमत नही मिल सकी। एक दिन में 68 टन शाही लीची मुंबई भेजी जाती थी। 12 दिन ढुलाई चलती थी। लेकिन, लॉकडाउन से इस बार एक टन लीची भी मुंबई नहीं जा सकी है। जिले के बड़े लीची कारोबारी दामोदरपुर निवासी विजय कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि अब तक वह लीची की खेप मुंबई व गुजरात नहीं भेज सके हैं। अन्य प्रदेशों में लीची को सही कीमत नहीं मिल रही। कारोबारियों को भारी घाटा का सामना करना पड़ रहा है।
फार्मर्स प्रोडयूसर कंपनी पहुंचा रही घर-घर लीची
बागवानी मिशन के तहत मुरौल फार्मर्स प्रोडयूसर कंपनी घर-घर लीची पहुंचा रही है। डाकघर के सहयोग से यह कंपनी लीची की होम डिलीवरी करा रही है। कंपनी के सीईओ जयप्रकाश राय ने बताया कि बाग से लेकर घर तक लीची पहुंचाई जा रही है। इससे किसानों के पास सीधे पैसा जा रहा है। पैकिंग भी अच्छी है। लोगों तक फ्रेश लीची पहुंच रही है। यह बिहार सरकार की अनोखी पहल है।