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नेपाल में सात दिवसीय खिचड़ी महोत्सव शुरू, जानिए क्या है यहां की परंपरा... East Champaran News

नेपाल में मकर संक्रांति पर थारु समुदाय द्वारा सात दिवसीय खिचड़ी महोत्सव मनाया जाता है। इस मौके पर समुदाय के लोगों ने नृत्य संगीत का आयोजन किया।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 05:54 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 05:54 PM (IST)
नेपाल में सात दिवसीय खिचड़ी महोत्सव शुरू, जानिए क्या है यहां की परंपरा... East Champaran News
नेपाल में सात दिवसीय खिचड़ी महोत्सव शुरू, जानिए क्या है यहां की परंपरा... East Champaran News

पूर्वी चंपारण, जेएनएन। नेपाल के चितवन में सात दिवसीय खिचड़ी यानी मकर संक्रांति महोत्सव का आयोजन थारू समुदाय के लोगों ने किया । इस मौके पर उक्त समुदाय के लोगों ने अलग-अलग स्थलों पर कुल देवता का पूजा-अर्चना किया। थारू समुदाय संस्कार, संस्कृति, परंपरागत औजार, उपकरणों का दर्शन कर पूजा-अर्चना किया जाता है। इस समुदाय के लोगों नया वर्ष के रूप में मनाते है । नेपाल के तराई के चितवन और नवलपुर में  खिचड़ी के मौके पर नृत्य संगीत प्रस्तुत किया।

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 महोत्सव सत्कार समिति का संयोजक चन्द्र चौधरी, पूर्व उपप्रधानमंत्री सह नेपाली कांग्रेस के नेता विजय कुमार गच्छेदार, थारू समुदाय के प्रमुख बसु चौधरी आदि लोग शोभायात्रा और कार्यक्रम में उपस्थित थे। इन लोगों ने बताया कि थारू समुदाय अपनी सभ्यता संस्कृति को अक्षुण रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है। हमारे समाज के युवक-युवतियां राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा, खेल, कला संस्कृति शोध आदि के क्षेत्र में  ऊंचा मुकाम हासिल कर रहे है। इस महोत्सव में उनकी भूमिका अहम है।

जानिए क्‍या है शुभ मुहूर्त

यह पर्व नेपाल में थारु समुदाय द्वारा माघी पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भी मकर संक्रांति की सही तारीख को लेकर उलझन की स्थिति बनी हुई है। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार इस वर्ष 15 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाना चाहिए। इसके लिए शुभ मुहूर्त मकर संक्रांति वर्ष 2020 में 15 जनवरी को संक्रांति काल 07:19 बजे, पुण्यकाल 07:19 से 12:31 बजे तक, महापुण्य काल 07:19 से 09: 03 बजे तक संक्रांति स्नान प्रात: काल है। दरअसल, इस साल 15 जनवरी को सूर्य का मकर राशि में आगमन 14 जनवरी मंगलवार की मध्य रात्रि के बाद रात 2 बजकर 7 मिनट पर हो रहा है।

 मध्य रात्रि के बाद संक्रांति होने की वजह से इसके पुण्य काल का विचार अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त से लेकर दोपहर तक होगा। इसी वजह से मकर संक्रांति बुधवार 15 जनवरी को मनाई जाएगी।  पंडित मनोरंजन तिवारी ने बताया कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी भूलाकर उनके घर गए थे। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान, पूजा आदि करने से व्यक्ति का पुण्य प्रभाव हजार गुना बढ़ जाता है। इस दिन से मलमास खत्म होने के साथ शुभ माह प्रारंभ हो जाता है। इस खास दिन को सुख और समृद्धि का दिन माना जाता है।

मकर संक्रांति को अलग-अलग रूप में मनाया जाता है

यह पर्व 'पतंग महोत्सव' के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग  पतंग उड़ाते हैं। हालांकि पतंग उड़ाने के पीछे कुछ घंटे सूर्य के प्रकाश में बिताना मुख्य वजह बताई जाती है। सर्दी के इस मौसम में सूर्य का प्रकाश शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्द्धक और त्वचा और हड्डियों के लिए बेहद लाभदायक होता है। नेपाल के थारू समुदाय सार्वजनिक स्थलों और गांव में पारम्परिक वेशभूषा में लोक संस्कृति से जुड़े नृत्य संगीत प्रस्तुत करती है। इस पर्व को महोत्सव के रूप में मनाते है।


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