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सिंडिकेट बैंक लूट के प्रयास मामले में सात अपराधी गिरफ्तार, कई सामान बरामद Muzaffarpur News

पिस्टल गोलियां लूट में इस्तेमाल और विभिन्न जगहों से लूटी गई बाइक समेत अन्य सामान बरामद। गोबरसही में आइसीआइसीआइ बैंक से लूटे थे आठ लाख रुपये।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 09:19 AM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 09:19 AM (IST)
सिंडिकेट बैंक लूट के प्रयास मामले में सात अपराधी गिरफ्तार,  कई सामान बरामद Muzaffarpur News
सिंडिकेट बैंक लूट के प्रयास मामले में सात अपराधी गिरफ्तार, कई सामान बरामद Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सदर थाना क्षेत्र के डुमरी स्थित सिंडिकेट बैंक से लूट के प्रयास मामले में पुलिस ने घटना के 12 घंटे के अंदर वारदात में शामिल सभी सात अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। ये सभी माही यादव गिरोह से जुड़े बताए जाते हैं। इनके पास से पिस्टल, गोलियां, लूट में इस्तेमाल और विभिन्न जगहों से लूटी गई बाइक समेत अन्य सामान बरामद हुए हैं। 

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पुलिस का कहना है कि माही यादव का भाई भी सिंडिकेट बैंक और आइसीआइसीआइ बैंक से लूट की घटनाओं में शामिल था। चर्चा है कि पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है।  

गिरफ्तार लुटेरों में अमन सुलतान उर्फ आरिफ, राजा, शमीम उर्फ शामा, शाकिब समेत अन्य हैं। कुछ के नाम व पते की जानकारी गोपनीय रखी गई है। गिरफ्तार लुटेरों की निशानदेही पर शातिर माही यादव की तलाश में पुलिस जुटी है। उसकी गिरफ्तारी को लेकर सुमेरा, तुर्की, कुढऩी, वैशाली, हाजीपुर में विशेष टीम ने छापेमारी की। लेकिन, उसका सुराग अब तक नहीं मिला है। 

आइसीआइसीआइ बैंक लूटकांड में यही गिरोह शामिल

पुलिस पूछताछ में पता चला है कि इसी गिरोह गोबरसही स्थित आइसीआइसीआइ बैंक की शाखा से आठ लाख रुपये लूट लिए थे। फुटेज में बाएं हाथ का इस्तेमाल करने वाले लुटेरे को देखकर इसका पता पुलिस को लगा। पूछताछ करने पर सच्चाई सामने आई। 

एक साल से सिरदर्द बना माही

जिला पुलिस के लिए एक साल से माही सिरदर्द साबित हो रहा है। उसने सरैया में कैश वैन से 52 लाख लूट की घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद भी कई लूट की घटनाओं में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से उसका नाम सामने आया है। गिरफ्तार होकर वह जेल भी गया लेकिन निकलने के बाद फिर से अपराध की राह पर चलने लगा। 

लूट की राशि से खरीदने वाले थे अत्याधुनिक हथियार

पुलिस छानबीन में पता चला है कि सिंडिकेट बैंक से अगर लूटपाट करने में ये अपराधी सफल हो जाते तो उक्त राशि से अत्याधुनिक हथियार एके-47 खरीदने वाले थे। हालांकि, लोगों व महिला कर्मी की दिलेरी से लुटेरे अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके। 

प्राथमिकी में ये नामजद आरोपित

बैंक प्रबंधक अरुण कुमार के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसमें बड़ा सुमेरा के अमन सुलतान उर्फ आरिफ, धरमपुर का ओसामा, शाकिब, राजा, सुमेरा का शहियारे और चंदन को नामजद आरोपित बनाया गया है। इन आरोपितों के अलावा गिरोह से जुड़े अन्य शागिर्दों को भी गिरफ्तार करने में पुलिस ने सफलता हासिल की है। 

जेल से जमानत पर छूट की थी मुखिया पति अलीशान की हत्या

52 लाख लूटकांड में जेल जाने के कुछ ही दिनों बाद माही जमानत पर छूटकर बाहर निकल गया। इसके बाद उसने अपने गिरोह के साथियों के साथ मिलकर छोटी-बड़ी लूट की कई वारदात को अंजाम दिया। इसी बीच उसने सुमेरा के मुखिया पति अलीशान के नाम की सुपारी ली। 16 जुलाई को अपने साथियों के साथ मिलकर फरदो गोला के समीप अलीशान को गोलियों से भून दिया। इस मामले में माही के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट निर्गत हो चुका है। 


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