जनतांत्रिक अधिकार की रक्षा को महेश शाही व निगममानंद ने दी जान
रामदयालु सिंह महाविद्यालय में शहीद दिवस पर लोकतंत्र एवं मानवाधिकार विषयक संगोष्ठी हुई।
मुजफ्फरपुर। रामदयालु सिंह महाविद्यालय में शहीद दिवस पर लोकतंत्र एवं मानवाधिकार विषयक संगोष्ठी हुई। पीयूसीएल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो.प्रभाकर सिन्हा ने कहा कि आज ही के दिन 1966 में जनतात्रिक अधिकार की लड़ाई में महाविद्यालय के छात्र महेश शाही और प्रो.निगमानंद कुंवर पुलिस की गोली से शहीद हुए थे। उसके बाद पूरे बिहार में आंदोलन हुआ और पहली बार कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में गैर-कांग्रेसी सरकार गठित हुई। हमारे देश व समाज में एकाधिकार प्रवृत्ति का बोलबाला बढ़ा है। संगोष्ठी में डॉ.राजनारायण राय, डॉ.भारती सिन्हा, डॉ.केके झा, डॉ.अनिल कुमार शर्मा, स्व.महेश शाही के भाई रमेश शाही आदि ने अपने-अपने विचार रखे। स्मृति आयोजन समिति के संयोजक डॉ. विकास नारायण उपाध्याय ने अध्यक्षता की। संगोष्ठी का संचालन शिक्षक संघ सचिव डॉ. रमेश प्रसाद गुप्ता ने किया। विषय प्रवेश डॉ. एमएन रिजवी तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनिता सिंह ने की। इससे पहले शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा शाम में दीपोत्सव का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में डॉ. अनिता घोष, डॉ. इंदिरा कुमारी, डॉ. लक्ष्मी कुमारी साह, डॉ. कहकशां, डॉ. संजय कुमार, डॉ. संजय कुमार सुमन, डॉ. आलोक प्रताप सिंह, डॉ. श्याम बाबू शर्मा, डॉ. प्रदीप कुमार चौधरी, डॉ. राम कुमार, डॉ. रवींद्रनाथ ओझा, डॉ. सत्येंद्र प्रसाद सिंह, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. सुरेश शुक्ला प्रो. सौरभ राज, डॉ. आनंद प्रकाश दुबे, डॉ. तूलिका सिंह, डॉ. मंजरी आनंद, डॉ. श्रुति मिश्रा, डॉ. रजनीकात पांडेय, डॉ. आशुतोष दुबे, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. नेयाज अहमद, डॉ. सारिका चौरसिया, डॉ. प्रियंका दीक्षित, डॉ. प्रियंका चटर्जी, डॉ. सरोज पाठक, डॉ. सुमनलता, डॉ. आयेशा जमाल, डेजी कुमारी, निधि कुमारी, उमाशकर सिंह, शैलेंद्र चौधरी, महाराज सिंह, नागेन्द्र सिंह, रवींद्र मिश्र, मनीष कुमार आदि उपस्थित रहे।