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नेपाल को हड़पने की ये साजिश रच रहा चीन, भारत से बेटी-रोटी का संबंध

राष्ट्रीय सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में भारत-नेपाल संबंधों पर दोनों देशों के राजनयिकों ने आपसी समझदारी, सांस्कृतिक, धार्मिक, आर्थिक संबंधों को अटूट रखने का वचन दिया।

By Edited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 08:00 AM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 03:22 PM (IST)
नेपाल को हड़पने की ये साजिश रच रहा चीन, भारत से बेटी-रोटी का संबंध
नेपाल को हड़पने की ये साजिश रच रहा चीन, भारत से बेटी-रोटी का संबंध

मुजफ्फरपुर (जेएनएन) । राष्ट्रीय सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में भारत-नेपाल संबंधों पर दोनों देशों के राजनयिकों ने आपसी समझदारी, सांस्कृतिक, धार्मिक, आर्थिक संबंधों को अटूट रखने का वचन दिया। भारत की ओर से भरोसा दिलाया गया कि पहले से वचनबद्धता है कि सीमा खुली है तो खुली रहेगी और हमारा जो संबंध है, वह बरकरार रहेगा। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की ओर से संगोष्ठी में आनेवाले समय में आपसी संबंध कितना प्रगाढ़ और मजबूत हो, इसपर सबने जोर दिया।
 मुख्य वक्ता के रूप में भारत से अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य इन्द्रेश कुमार थे। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ. गोलोक बिहारी राय, उत्तर बिहार के प्रांत प्रचारक रामकुमार, समाजवादी चिंतक सुरेंद्र कुमार आदि भी थे। स्वागत भाषण कार्यक्रम संयोजक कुमार शरतेंदु शेखर व संचालन प्रो. बीरेंद्र कुमार ने किया।
 भारत-नेपाल जन सीमा है, सैनिक सीमा नहीं : इन्द्रेश
अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य इन्द्रेश कुमार ने कहा कि भारत विस्तारवादी व साम्राज्यवादी विचारधारा नहीं रखता। चीन यह गलत प्रचार कर नेपाल को हड़पने की साजिश कर रहा। भारत नेपाल में जनसंबंधों के आधार पर चीन की हरेक चुनौतियों को स्वीकार करेगा। भारत-नेपाल जन सीमा है, सैनिक सीमा नहीं। भारत-नेपाल के समाज के अंदर व प्रशासन में और सरकार में सद्भावपूर्ण आचरण कैसे अधिक मजबूत हो, इसपर काम करना चाहिए। हम देश दो हैं, मगर प्राण तो एक ही हैं। नेपाल के कई हजार सैनिक हैं, जो भारतीय सेना से रिटायर्ड हुए हैं। उन्हें पेंशन भी है। नेपाल के कर्मचारियों की जितनी तनख्वाह है, भारत से रिटायर्ड कर्मचारियों व सैनिकों की उससे ज्यादा पेंशन है।
 बॉर्डर सील करने की जरूरत नहीं
 सांसद रामेश्वर नेपाल के सांसद रामेश्वर राय ने दोनों देशों के बीच की तकनीकी समस्याएं उठाई और उनको सुलझाने के लिए एक-दूसरे से समन्वय स्थापित करने की गुजारिश की। कहा कि बॉर्डर सील करने की जरूरत नहीं, दोनों देशों के बीच जो प्रबुद्ध समिति बनी है, वह लाख कोशिश कर ले बॉर्डर को सील नहीं किया जा सकता। भारत-नेपाल बॉर्डर खुला बॉर्डर है और किसी को न नुकसान है न एतराज है।
 बिहार-नेपाल बॉर्डर के पैरलल रोड बने
कुलपति अमरेंद्र नारायण डॉ. यादव ने कहा कि नेपाल-बिहार बॉर्डर के पैरलल केवल वीरगंज हीं नहीं, ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के पैटर्न पर कम्युनिकेशन के लिए पैरलल रोड बनाया जाना चाहिए। इससे कई समस्याओं का समाधान निकलेगा। दोनों देशों की भाषा एक है, संस्कृति और रीति-रिवाज एक है। उसको कोई कैसे अलग कर सकता।
रिश्ते की मिसाल भारत-नेपाल
सांसद अजय निषाद ने कहा कि भारत-नेपाल के बीच सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक व धार्मिक और बेटी-रोटी का संबंध अटूट रिश्ते की मिसाल पेश करता है। यह पहला देश है, जहां आवाजाही के लिए वीजा-पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं। हम मित्र देश, बेटी-रोटी का संबंध नेपाल के युवा सांसद प्रदीप यादव ने कहा कि सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व धार्मिक समानता है। यह समानता दुनिया के किसी भी राष्ट्र में नहीं है। बॉर्डर पर फौज का कोई काम नहीं। वहां दोनों देशों की जनता प्रहरी के रूप में खुद काम करती है। दोनों देशों के बीच 1950 में हुई शांति व मैत्री संधि को आज के संदर्भ में नहीं, बल्कि उस समय के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। नेपाल के मधेशी बंधुआ मजदूर के रूप में जीवन जी रहे हैं। अगर सीमा सील कर दी गई तो हम लोग और गुलामी से दबकर मर जाएंगे। भारत सरकार से आग्रह है कि ऐसा कोई काम नहीं हो कि रोटी-बेटी के संबंधों पर खतरा उत्पन्न हो जाए।
इन्होंने की शिरकत
गोपालगंज सांसद जनक राम, पूर्व एमएलसी नरेंद्र प्रसाद सिंह, प्रॉक्टर डॉ. विवेकानंद शुक्ला, कौशल किशोर चौधरी, प्रो. पंकज कुमार राय, डॉ. हरेंद्र कुमार, डॉ. नारायण दास, विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष बसंत कुमार, महासचिव स्वर्णिम चौहान, काउंसिल मेंबर ठाकुर प्रिंस, छात्र नेता संकेत मिश्रा, वरुण कुमार धीरज, प्रवीण सिंह, मुन्ना यादव, अनिल सिन्हा, अरविंद सिंह, उदय शंकर सिंह, सत्येंद्र कुमार टुनटुन आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के बीच उत्तम कुमार ने एकल गीत पेश किया।

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