Move to Jagran APP

समस्तीपुर में कहर बनकर टूटी कोरोना की दूसरी लहर, 19 बच्चों को कर दिया अनाथ, किसी ने पिता तो किसी मां को खोया

अनाथ बच्चों को अब तक कोई सरकारी सहायता नहीं मिल सकी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार संक्रमितों की संख्या बढऩे के साथ पीडि़तों की मौत का आंकड़ा भी जिले में 98 पहुंच गया। इसमें कई परिवारों ने आय अर्जित करने वाले अभिभावकों को खो दिया।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 01:20 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 01:20 PM (IST)
समस्तीपुर में कहर बनकर टूटी कोरोना की दूसरी लहर, 19 बच्चों को कर दिया अनाथ, किसी ने पिता तो किसी मां को खोया
समस्‍तीपुर में कोरोना से अनाथ हुए बच्‍चों को क‍िया गया चिह्नित। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

समस्तीपुर, जासं। कोरोना संक्रमण के कारण अपने माता-पिता या दोनों में किसी एक को खोने वाले बच्चों को मदद देने की पहल शुरू कर दी गई है। जिले में 10 परिवार के 19 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता और पिता में से एक की मौत कोरोना से हुई है। अब तक इन बच्चों को कोई सरकारी सहायता नहीं मिल सकी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार संक्रमितों की संख्या बढऩे के साथ पीडि़तों की मौत का आंकड़ा भी जिले में 98 पहुंच गया। इसमें कई परिवारों ने आय अर्जित करने वाले अभिभावकों को खो दिया। ऐसे में केंद्र व प्रदेश सरकार ने बच्चों को संभालने के लिए योजना की सौगात दी है। योजना का लाभ पात्रों को दिलाने के लिए बाल संरक्षण इकाई ने 19 अनाथ बच्चों को चिह्नित किया है।

loksabha election banner

शुरू हो गई मदद की पहल

बाल संरक्षण इकाई के अजय कुमार राय का कहना है कि 10 परिवार के 19 बच्चों को योजना का लाभ देने के लिए चयनित किया गया है। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की भी प्रक्रिया चल रही है।

कोरोना ने मासूमों से छीन लिया बचपन

महज छह साल की सौम्या और 8 साल के दिव्यांशु और रिशा के पापा को कोरोना ने छीन लिया। मासूम अभी तो मौत के मायने भी नहीं जान रहे थे। और इस उम्र में पिता का साथ छूट गया। जिले की 14 बच्चियों की सिर से कोरोना ने पिता का साया छीन लिया। इन मासूम बच्चियों की उम्र 15, 10, 8 एवं 6 वर्ष है। जिले में ऐसे एक-दो नहीं, इससे भी ज्यादा बच्चे हैं, जिनका कोरोना ने बचपन छीन लिया। लेकिन, सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक ऐसे 19 बच्चों का पता चला है। कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों पर भारी है, पर ऐसे बच्चों की कमी भी नहीं, जिन पर कोरोना की दूसरी लहर कहर बनकर टूटी है। किसी ने मां को खो दिया तो किसी के सिर से पिता का साया चला गया।

नेहा, अभिषेक और रानी से छिना मां का आंचल, अब पिता ही सहारा

दलङ्क्षसहसराय थाना क्षेत्र के परनपुरा गांव की 17 वर्षीय नेहा कुमारी, बिथान प्रखंड के करांची गांव में अभिषेक कुमार व रीना कुमारी की मां उन्हें अकेला छोड़कर चल बसी। सांस की तकलीफ होने के बाद उनकी मां ने दम तोड़ दिया था। अब सभी बच्चे पिता के सहारे है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.