स्कूलों से कॉलेजों तक पराक्रम पर्व के रूप में मनी सर्जिकल स्ट्राइक डे की दूसरी सालगिरह
वर्ष 2016 में पाकिस्तान में हुए सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी सालगिरह को पराक्रम पर्व के रूप में मनाया गया।
मुजफ्फरपुर। वर्ष 2016 में पाकिस्तान में हुए सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी सालगिरह को पराक्रम पर्व के रूप में मनाया गया। इस मौके पर स्कूलों से लेकर कॉलेजों तक भारतीय सेना के पराक्रम का सबने गुणगान किया। कहा कि जिस तरह सेना के सीजफायर के बाद भी घुसपैठ की कोशिशों में इजाफा है, उसको देखते हुए पाक को फिर मुंहतोड़ जवाब देने के लिए एक और सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत है। लंगट सिंह व एमडीडीएम में भी विविध कार्यक्रम आयोजित हुए। बता दें कि 28-29 सितंबर, 2016 की रात को भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस किया था। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों और उच्चतर शिक्षण संस्थानों को इस अवसर पर विशेष आयोजन करने को कहा था।
गौरव गाथा से छात्र-छात्राओं को कराया गया अवगत
एलएस कॉलेज के प्राचार्य प्रो. ओमप्रकाश राय ने छात्र-छात्राओं, एनसीसी व एनएसएस कैडेटों को संबोधित करते हुए भारतीय जवानों की वीरगाथा सुनाई। सर्जिकल स्ट्राइक डे का महत्व बताया। विद्यार्थियों को भारतीय सेना के प्रति सम्मान और उनकी रक्षा के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक से सेना और देशवासियों का मनोबल बढ़ा है। भारत ने सीमापार आंतकवादी के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की तो पूरी दुनिया अवाक रह गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक की इजाजत देकर दुनिया को भारत की ताकत का अहसास करा दिया। इस मौके पर एनसीसी 32 बिहार बटालियन के सूबेदार मेजर धन बहादुर थापा व एनएसएस को-ऑर्डिनेटर तथा मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष एनके मिश्रा, प्रो. अजय कुमार के अलावा नूसरत परवीन, शिवांगी कुमारी, रेहान, कुंदन ठाकुर, सादिक अहमद, अभिषेक कुमार, सरजत आलम ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
छात्राओं ने खूब भरी हुंकार, सेना के पराक्रम किया गुणगान
एमडीडीएम कॉलेज के गृहविज्ञान विभाग में महाविद्यालय छात्रसंघ और एनसीसी के संयुक्त तत्वावधान में सर्जिकल स्ट्राइक डे मनाया गया। विश्वविद्यालय छात्रसंघ की महासचिव स्वर्णिम चौहान ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक से हमारे सेना का और हमारे देशवासियों का मनोबल बढ़ा है। सर्जिकल स्ट्राइक गुप्त तरीके से किया गया ऐसी कार्रवाई समय-समय पर होनी चाहिए। छात्रसंघ उपाध्यक्ष इशा सिन्हा ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक सेना का विशेष प्रकार का हमला है जो विशेष परिस्थिति में किया जाता है। इस अभियान में टारगेट फोक्सड होता है। प्रीति राय ने कहा कि यह स्ट्राइक पाकिस्तान द्वारा हमारे सैनिकों पर सामने से ना कर बुजदिली से किए गए प्रहार का करारा जवाब है। निक्की ने कहा कि इस दिन को हमें शौर्य दिवस के रूप में मनाना चाहिए और इंडियन आर्मी के इस साहसिक कदम को घर-घर तक पहुंचाना चाहिए। ज्योति प्रभा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को करारा जवाब दिया और आतंकवाद, जो आज पूरे विश्व की सबसे बड़ी समस्या है उसपर करारा चोट पहुंचाई। इस मौके पर गृहविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. सुशीला सिंह, मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. अलका जायसवाल ने कहा कि ऐसा अभियान देशहित में सर्वोपरी है। सेमिनार का संचालन छात्रसंघ अध्यक्ष सोनाली कुमारी व धन्यवाद ज्ञापन महासचिव इशा चौधरी ने किया। इस दौरान डॉ. नीता शर्मा, डॉ. मधुलिका,डॉ. मोमिता, चेतना आनंद, सपना कुमारी, पल्लवी, प्रिया साह, अक्षा खान, फारिया सोहेल, सॉल्टी, कोमल, अनमोल, तुलसी सहित सैकड़ों छात्राएं मौजूद रहीं।
सर्जिकल स्ट्राइक डे पर बच्चों में भी दिखा जोश
सेना के पराक्रम व शौर्य की गाथा से बच्चे को अवगत कराया गया। जिसमें स्कूली बच्चों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। केंद्रीय विद्यालय, दून पब्लिक स्कूल के अलावा कई स्कूलों में आयोजन किया गया। केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य संजीव कुमार सिन्हा ने चेतना सत्र में बच्चों को सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में जानकारी दी। बच्चों में भी खूब जोश दिखाई पड़ा।