कोरोना और एईएस का खतरा, अस्पताल से चिकित्सक गायब
जिले में कोरोना एवं एईएस का खतरा सिर पर है मगर चिकित्सक इससे बेपरवाह हैं।
मुजफ्फरपुर : जिले में कोरोना एवं एईएस का खतरा सिर पर है, मगर चिकित्सक इससे बेपरवाह हैं। डीएम प्रणव कुमार के निर्देश पर एसडीओ पश्चिमी डॉ. एके दास ने पीएचसी कांटी और मोतीपुर का निरीक्षण किया जहां चिकित्सक ड्यूटी से अनुपस्थित पाए गए। एसडीओ ने अनुपस्थित चिकित्सक एवं कर्मचारियों से स्पष्टीकरण पूछने की अनुशंसा की है।
निरीक्षण में कांटी पीएचसी में स्थिति खराब पाई गई। कांटी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजेश कुमार के साथ स्वास्थ्य प्रबंधक अनुपस्थित पाए गए। रोस्टर के अनुसार पाली सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक प्रतिनियुक्त चिकित्सक डॉ. सुमित संस्कार एवं डॉ. मधुमिता भी अनुपस्थित थे। साथ ही फार्मासिस्ट पवन घोष भी गायब रहे। चिकित्सकों की अनुपस्थिति के कारण ओपीडी एवं इमरजेंसी वार्ड बंद पाई गई। प्रसूति वार्ड की स्थिति संतोषजनक पाई गई। एंबुलेंस कार्यरत अवस्था में पाई गई। एईएस वार्ड की स्थिति संतोषजनक थी। मोतीपुर पीएचसी के निरीक्षण में चिकित्सक डॉ. मनोज कुमार अनुपस्थित पाए गए। एईएस वार्ड एवं प्रसूति वार्ड की स्थिति संतोषजनक पाई गई। एसडीओ पश्चिमी ने उक्त दोनों पीएचसी के निरीक्षण के क्रम में चिकित्सकों एवं कर्मियों की उपस्थिति, दवाओं एवं उपकरणों की उपलब्धता ओपीडी एवं इमरजेंसी की स्थिति, प्रसूति कक्ष की स्थिति, एंबुलेंस की उपलब्धता, एईएस पंजी का निरीक्षण किया। अनुपस्थित कर्मियों एवं चिकित्सकों से स्पष्टीकरण पूछने की अनुशंसा उनके द्वारा की गई है।
निरीक्षण में अनुपस्थित मिले प्रभारी समेत तीन चिकित्सक
डीएम के निर्देश पर गुरुवार को एसडीओ पश्चिमी द्वारा किए गए मोतीपुर पीएचसी के निरीक्षण में बड़े पैमाने पर अनियमितता उजागर हुई है। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात दो डॉक्टर्स और चिकित्सा पदाधिकारी गायब पाए गए। वहीं, उपलब्ध दवाओं की सूची में दर्ज एंटीबॉयोटिक सुई और ओएंडम टैबलेट भी अनुपलब्ध था। एसडीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी। रिपोर्ट में कहा कि सुबह की शिफ्ट जो सुबह 8 बजे से दोपहर के 2 बजे तक चलती है। इसी दौरान वे तकरीबन साढ़े नौ बजे पीएचसी के निरीक्षण के लिए पहुंचे। इस क्रम में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुधीर कुमार गायब पाए गए। इस बाबत जब उनसे मोबाइल फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने जिले से दवाइया लाने हेतु जिला मुख्यालय में होने की बात कही। साथ ही ड्यूटी रोस्टर में अंकित डॉ. रमेश कुमार और मनोज कुमार अनुपस्थित थे। दवाओं की उपलब्धता सूची से एंटीबॉयोटिक सुई और ओएंडम टैबलेट अनुपलब्ध था। दवाओं की अनुपलब्धता के संबंध में कर्मचारियों ने सही जवाब नहीं दिया।