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ऑटो टिपर खरीद घोटाले में आरोपितों पर कसा शिकंजा, अभियोजन चलाने की मांगी अनुमति Muzaffarpru News

नगर निगम के महापौर दो तत्कालीन नगर आयुक्त सहित नौ के विरुद्ध अभियोजन चलाने की मांगी गई अनुमति। सभी नौ आरोपित रहे हैं लोक सेवक।

By Murari KumarEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 11:15 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 09:58 AM (IST)
ऑटो टिपर खरीद घोटाले में आरोपितों पर कसा शिकंजा, अभियोजन  चलाने की मांगी अनुमति Muzaffarpru News
ऑटो टिपर खरीद घोटाले में आरोपितों पर कसा शिकंजा, अभियोजन चलाने की मांगी अनुमति Muzaffarpru News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। नगर निगम के ऑटो टीपर खरीद घोटाला में नगर निगम के महापौर सुरेश कुमार, तत्कालीन नगर आयुक्त रंगलाल चौधरी व रमेश प्रसाद रंजन सहित सभी आरोपितों के विरुद्ध शिकंजा कसने जा रहा है। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव से नौ आरोपितों के विरुद्ध अभियोजन चलाने की अनुमति देने को लेकर पत्र लिखा है। ये सभी लोकसेवक रहे हैं। ऑटो टीपर  आपूर्तिकर्ता मौर्या मोटर्स पाटलीपुत्रा के मोहन हिम्मत सिंग्गा को भी इस मामले में आरोपित बनाया गया है।

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 लोक सेवक नहीं होने के कारण उसके विरुद्ध अभियोजन की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। एक प्रधान सचिव की अनुमति मिलते ही सभी के विरुद्ध अभियोजन चलाए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। हालांकि नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव ने इस तरह का कोई पत्र नहीं मिलने की बात बताई है। 

जांच में प्रथमदृष्टया मामला सत्य

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जांच में प्रथमदृष्टया मामला सत्य पाया गया है। जांचकर्ता निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीएसपी मनोज कुमार ने सभी आरोपितों के विरुद्ध अभियोजन चलाने के प्रस्ताव संबंधी पत्र ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक को सौंपा है। आरोपितों के लोक सेवक होने के कारण ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक ने नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव से अभियोजन चलाने की अनुमति देने का आग्रह किया है। 

इन आरोपितों के विरुद्ध मांगी अभियोजन चलाने की अनुमति

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की ओर से नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव को लिखे गए पत्र में इन आरोपितों के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी गई है। इसमें महापौर सुरेश कुमार, तत्कालीन नगर आयुक्त व अपर समाहर्ता रंगनाथ चौधरी, तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश प्रसाद रंजन, तत्कालीन सहायक अभियंता नंदकिशोर ओझा, महेंद्र सिंह, तत्कालीन कनीय अभियंता मो. क्यामुद्दीन अंसारी, कार्यपालक अभियंता व वर्तमान में कार्यपालक अभियंता बुडको बिंदा सिंह, तत्कालीन कनीय अभियंता प्रमोद कुमार सिंह व भरतलाल चौधरी शामिल हैं। इन दोनों कनीय अभियंता को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। 

यह है मामला

शहर की साफ-सफाई के लिए नगर निगम की ओर से नवंबर 2017 में 50 ऑटो टीपर खरीद का टेंडर निकाला गया था। टेंडर में शामिल एक आपूर्तिकर्ता तिरहुत ऑटो मोबाइल के प्रोपराइटर संजय गोयनका ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में कम कीमत के बदले अधिक कीमत वाले आपूर्तिकर्ता को टेंडर स्वीकृति दी गई। ब्यूरो की जांच में 3.80 करोड़ से अधिक के इस खरीद मामले में करोड़ों के घोटाला की बात सामने आई। ब्यूरो ने अक्टूबर 2018 में महापौर सहित दस आरोपितों के विरुद्ध निगरानी थाना में केस दर्ज किया।  


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