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कोरोना के डेल्टा प्लस वेरियेंट के मामले को लेकर बढ़ेगा जांच का दायरा, लक्ष्य हुआ पांच हजार

कोरोना जांच के नोडल अधिकारी डा. अमिताभ कुमार सिन्हा ने बताया कि जांच केंद्रों के लैब टेक्नीशियन को अधिक से अधिक जांच करने को कहा गया है। जिले में छह मोबाइल वैन घूम रहे हैं उन्हें भी हर दिन पांच सौ जांच सैंपल लेना है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 29 Jun 2021 07:51 AM (IST)Updated: Tue, 29 Jun 2021 07:51 AM (IST)
कोरोना के डेल्टा प्लस वेरियेंट के मामले को लेकर बढ़ेगा जांच का दायरा, लक्ष्य हुआ पांच हजार
प्रत्येक मोबाइल वैन को मिला पांच सौ नमूना जांच करने का लक्ष्य।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। डेल्टा प्लस वेरियेंट की आशंका को देखते हुए जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा। इसके लिए हर दिन पांच हजार संदिग्धों के सैंपल लेकर जांच की जाएगी। कोरोना जांच के नोडल अधिकारी डा. अमिताभ कुमार सिन्हा ने बताया कि जांच केंद्रों के लैब टेक्नीशियन को अधिक से अधिक जांच करने को कहा गया है। जिले में छह मोबाइल वैन घूम रहे हैं, उन्हें भी हर दिन पांच सौ जांच सैंपल लेना है। अभी कोरोना के नए डेल्टा प्लस वेरियेंट का तेजी से फैलाव हो रहा है इसको लेकर सजगता बरती जा रही है। हालांकि जिले में अभी एक भी केस नहीं है।

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अलग रखा जाएगा संदिग्धों का नमूना

डा.सिन्हा ने बताया कि अगर ट्रेवल हिस्ट्री है और उन्हें पेट दर्द, जी मिचलाना, उल्टी आना, भूख न लगना, जोड़ों में दर्द, नाक से पानी और खांसी आ रहा है तो वैसे लोगों का नमूना अलग रखने को कहा गया है। जो भी नमूना होगा उसको जांच करने के लिए भुवनेश्वर भेजा जाएगा। जांच में यह देखा जाएगा कि सैंपल में कहीं डेल्टा प्लस वेरियेंट तो नहीं है। इधर, 10 से 15 लोगों का नमूना नियमित भेजा जा रहा है।

एसकेएमसीएच में एईएस पीडि़त बच्चे की मौत

मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में इलाजरत एक एईएस पीडि़त बच्चे की मौत हो गई। एसकेएमसीएच उपाधीक्षक सह शिशु रोग विभागाध्यक्ष डा. गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि इलाजरत बच्चा हाइपोग्लेसेमिया से पीडि़त था। ब्लड सुगर काफी कम था। उसे गंभीर हालत भर्ती कराया गया था। इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई। जिस बच्चे की मौत हुई वह पारू प्रखंड के फुलवरिया गांव निवासी अखिलेश राय का दो वर्षीय पुत्र सुभाष कुमार था। सुभाष का इलाज डा. जेपी मंडल की यूनिट में हो रहा था। चमकी-बुखार से पीडि़त होने पर बुधवार की शाम साढ़े चार बजे के करीब एसकेएमसीएच के पीकू में भर्ती कराया गया। स्वजन ने बताया कि निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। अचानक तबीयत बिगडऩे पर उसे एसकेएमसीएच लाए। इसके साथ ही इस वर्ष एइएस पीडि़त बच्चों की मौत का आंकड़ा आठ तक पहुंच गया है।  


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