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पश्चिम चंपारण में आइसीडीएस के फर्जी विपत्रों पर पोषाहार की राशि में हुआ गोलमाल, जानिए कैसे...

पश्चिम चंपारण जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए पोषाहार की खरीद में बिहार कोषागार की नियमावली का उल्लंघन हो रहा है। इस आशय का आरोप लगाते हुए नरकटियागंज प्रखंड के पुरैनिया गांव निवासी शैलेंद्र मणि मिश्र ने डीएम समेत अन्य विभागीय अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा है।

By Vinay PankajEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 04:52 PM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 04:52 PM (IST)
पश्चिम चंपारण में आइसीडीएस के फर्जी विपत्रों पर पोषाहार की राशि में हुआ गोलमाल, जानिए कैसे...
पश्चिम चंपारण में आइसीडीएस में फर्जी विपत्रों पर पोषाहार की राशि के गोलमाल की शिकायत है (प्रतीकात्मक तस्वीर)

पश्चिम चंपारण (बेतिया), जागरण संवाददाता। पश्चिम चंपारण जिले में डिपार्टमेंट ऑफ इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विसेज (आइसीडीएस) में फर्जी विपत्रों पर पोषाहार की राशि का गोलमाल किए जाने की शिकायत है। आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए पोषाहार की खरीद में बिहार कोषागार की नियमावली का उल्लंघन हो रहा है। मामले में वित्तीय अनियमितता, राशि का गबन, धोखाधड़ी एवं फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए नरकटियागंज प्रखंड के पुरैनिया गांव निवासी शैलेंद्र मणि मिश्र ने डीएम समेत अन्य विभागीय अधिकारियों को शिकायती पत्र भेजा है।

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एक ही विपत्र में किराना सामान, सब्जी,फल, अंडा आदि की खरीद :

शिकायतकत्र्ता शैलेंद्र मणि मिश्र का कहना है कि वित्त विभाग एवं आइसीडीएस निदेशालय का स्पष्ट आदेश है कि आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी का अलग-अलग विपत्र तैयार किया जाएगा। बावजूद इसके वर्षों से यहां एक ही विपत्र में किराना सामान, मौसमी सब्जी,फल, अंडा इत्यादि की खरीद की जा रही है। समेकित रूप से एक ही विपत्र के आधार पर खरीद का भुगतान प्रमाण पत्र बीटीसी फार्म संख्या 64 में भरकर कोषागार में भी समर्पित किया जाता है। कोषागार में भी इसपर कोई आपत्ति नहीं होती।

ऐसी कोई दुकान नहीं जहां आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषाहार से संबंधित सभी सामग्री उपलब्ध :

समेकित विपत्र के आधार पर राशि की निकासी भी की जाती है । जबकि जिले में ऐसी कोई दुकान नहीं है जहां आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषाहार से संबंधित सभी सामग्री उपलब्ध रहती हो। उनका कहना है कि शहरी क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए पोषाहार की खरीद पर कैशमेमो का होना अनिवार्य है। परंतु वर्ष 2015 से ही यहां शहरी क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों में खरीद की गई सामग्री में कैशमेमो संलग्न नहीं रहता है। जबकि कैशमेमो की छूट केवल सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए है। शहरी क्षेत्रों में अवस्थित आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए खरीद पर कैशमेमो की अनिवार्यता है।

बीटीसी फार्म संख्या 64 में वस्तु के क्रय मूल्य काल्पनिक रूप से भरे जाते :

उनका आरोप है कि बीटीसी फार्म संख्या 64 में वस्तु के क्रय मूल्य भी काल्पनिक रूप से भरे जाते हैं। जबकि स्थानीय बाजार में मूल्य कुछ अलग रहता है। विपत्रों में विक्रेताओं के हस्ताक्षर भी सही नहीं रहते। ताज्जुब तो यह है कि ऐसे विपत्रों को कोषागार में बगैर किसी आपत्ति के पारित भी कर दिया जाता है। उन्होंने इस मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है।

वहीं, इस संबंध में पश्चिम चंपारण के वरीय कोषागार पदाधिकारी एसके मेहरा का कहना है कि विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद विपत्र कोषागार में आता है। उसके बाद नियमानुसार विपत्र को पारित किया जाता है।  


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