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मुजफ्फरपुर के लोगों इस बरसात सहेज लें नेमत की हर बूंद, रीचार्ज करें भू-गर्भ जल

इस बरसात हम नेमत की हर बूंद को सहेज लें ताकि आने वाले समय में पानी का सहेजा गया एक-एक बूंद हमें जल संकट से बचा सकेगा। हम बहुत कुछ नहीं करें तो भी प्राकृतिक जल स्रोतों को समाप्त नहीं होने दें पोखर एवं तालाब को नया जीवन दें।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 24 May 2021 11:44 AM (IST)Updated: Mon, 24 May 2021 11:44 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के लोगों इस बरसात सहेज लें नेमत की हर बूंद, रीचार्ज करें भू-गर्भ जल
रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम एवं सोख्ता निर्माण से ही धरती के गर्भ में पहुंचेगा वर्षा का पानी।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। अगर हम इस बारिश की बूंद को धरती के गर्भ में पहुंचाने में कामयाब रहे तो साल भर हमें पेयजल, सिंचाई जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए हमें सोख्ता एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की मदद लेनी होगी। इनकी मदद से भू-गर्भ जल के संचित भंडार को रीचार्ज करें। इसलिए इस बरसात हम नेमत की हर बूंद को सहेज लें ताकि आने वाले समय में पानी का सहेजा गया एक-एक बूंद हमें जल संकट से बचा सकेगा। हम बहुत कुछ नहीं करें तो भी प्राकृतिक जल स्रोतों को समाप्त नहीं होने दें, पहले से बने पोखर एवं तालाब को नया जीवन दें, भर चुके कुओं को ङ्क्षजदा कर दें और अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाएं। बस सबको मिलकर काम करने की जरूरत है। यह बातें रविवार को दैनिक जागरण के सहेज लो हर बूंद अभियान पर चर्चा के दौरान लोगों ने कही।

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पूर्व वार्ड पार्षद शीतल गुप्ता ने कहा कि शहर में हर साल गर्मी में भू-जल स्तर गिर जाता है जिससे लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है। इसलिए शहरवासी यह संकल्प लें कि अपने-अपने घर में एक सोख्ता का निर्माण जरूर कराएंगे ताकि इस बरसात बारिश के पानी से भू-गर्भ जल रीचार्ज हो सके और हमारा भविष्य पानी को लेकर सुरक्षित हो सकें। समाजसेवी ममता ङ्क्षसह ने कहा कि सरकार सभी स्कूल-कॉलेज एवं सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम लगाने का निर्देश दे। इसका अमल होने पर आम लोग भी जागरूक होंगे और वे भी इस सिस्टम का अपने-अपने भवनों में लगाएंगे। एमडीडीएम कॉलेज की छात्रा अनुष्का ङ्क्षसह ने कहा कि जल संरक्षण सिर्फ नारा बन कर रह गया है। अभी लोग इसकी महत्ता को नहीं समझ रहे क्योंकि उन्हें भरपूर पानी मिल रहा। लेकिन वह समय दूर नहीं जब उन्हें अपनी गलती का परिणाम भुगतना पड़ेगा। युवाओं को जल संरक्षण अभियान की कमान संभालनी चाहिए। उन्हें लोगों के बीच जाकर इसकी महत्ता बतानी चाहिए। क्योंकि जल और वायु के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती और हम दोनों के संरक्षण के प्रति लापरवाह हैं।


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