समस्तीपुर के सपूतों ने दिल्ली में बढ़ाया जिले का मान, मिला सम्मान Samastipur News
सोनूपुर के एसके झा और रोसड़ा के डॉ. अमरेंद्र को मिला जेपी अवार्ड। पूर्व वाइस एडमिरल को रक्षा तथा अधिवक्ता को सामाजिक क्षेत्र में कार्य के लिए मिला सम्मान।
समस्तीपुर, जेएनएन। अपने-अपने क्षेत्र में रोसड़ा का गौरव एसके झा व डॉ. अमरेंद्र को दिल्ली में जेपी अवार्ड से नवाजा गया। लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र के तत्वाधान में आयोजित भव्य समारोह के बीच सम्मानित होकर मिट्टी के दोनों लाल लाल ने रोसड़ा का नाम रोशन किया है। प्रशासन व रक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए पूर्व वाइस एडमिरल सरोज कुमार झा को गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने अवार्ड से सम्मानित किया। वहीं, कानून व समाज के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए डॉ. अमरेंद्र को भारत सरकार के कौशल विकास मंत्री डॉ. महेंद्र नारायण पांडे ने उक्त सम्मान से नवाजा। मौके पर अलग-अलग क्षेत्रों में अन्य नामचीन हस्तियों को भी सम्मानित किया गया। एक साथ रोसड़ा की इन हस्तियों को अवार्ड मिलने से संपूर्ण क्षेत्र में हर्ष व्याप्त है। दूरभाष पर लोगों द्वारा बधाई देने का सिलसिला जारी है।
एसके झा को मिल चुका है परम विशिष्ट सेवा पदक
वर्ष 2017 में रक्षा सेवा के वाइस एडमिरल पद से सेवानिवृत्त हुए सरोज कुमार झा पूर्व में भी अपने उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित हो चुके हैं। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा उन्हें सेवानिवृत्ति से पूर्व परम विशिष्ट सेवा पदक से नवाजा जा चुका है। बताते चलें कि वे प्रखंड के सोनूपुर निवासी स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व विधायक रामाकांत झा के पुत्र हैं। उनकी सफलता पर उनके अनुज राजू झा तथा गांव के सुनील कुमार झा, राम तीरथ चौधरी, राम स्वार्थ यादव, इंदल पासवान समेत दर्जनों लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए बधाई दी है। गांव के बुजुर्गों की माने तो बचपन से ही मेधावी सरोज झा ने अपने कार्यकाल में कई उपलब्धियां हासिल की। सभी ने एक स्वर से उन्हें गांव के साथ-साथ देश का गौरव बताया।
सामाजिक क्षेत्र में डॉ. अमरेंद्र का अहम योगदान
रोसड़ा शहर के वार्ड नंबर 18 निवासी डॉ. अमरेंद्र कुमार सिंह प्रख्यात शिक्षाविद देवनंदन प्रसाद ङ्क्षसह के पौत्र हैं। अपने बाबा के सानिध्य में बचपन गुजारे अमरेंद्र होश संभालते ही समाज से जुड़े और दबे कुचले की मदद को आगे आए। बाबा के निधन के पश्चात उनके नाम पर फाउंडेशन स्थापित कर प्रत्येक वर्ष दर्जनों मेधावी गरीब बच्चों की पढ़ाई का खर्च वहन करना और सैकड़ों के बीच जरूरत के मुताबिक पठन-पाठन की सामग्री वितरण करना उनकी नियति में शामिल हो गई। संघर्ष के साथ आगे बढ़ते हुए युवक ने कानून में भी अपनी अच्छी पकड़ बनाई और यही कारण है कि आज यह सम्मान समाज के साथ-साथ कानून के क्षेत्र में भी उन्हें प्रदान किया गया है। शहर के इस लाल की उपलब्धि पर सैकड़ों लोगों ने खुशी जताते हुए दूरभाष पर उन्हें बधाई दी है।