Samastipur: सदर अस्पताल में दिया नमूना, मोबाइल पर मैसेज आया निगेटिव, जांच रिपोर्ट आया पॉजिटिव
Samastipur Coronavirus News Update कल्याणपुर प्रखंड के मनियारपुर गांव के किसान ने सदर अस्पताल में कराई थी जांच। उसका रिपोर्ट मरीज के मोबाइल पर निगेटिव होने का मैसेज मिला। फिर जांच रिपोर्ट मिल गई पॉजिटिव। मोबाइल पर गलत मैसेज मिलने से उठ रहा सवाल।
समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। सदर अस्पताल में कोरोना जांच के लिए नमूना दिया। उसका रिपोर्ट मरीज के मोबाइल पर निगेटिव होने का मैसेज मिला। फिर जांच रिपोर्ट मिल गई पॉजिटिव। इस तरह का खेेल स्वास्थ्य विभाग में कोरोना जांच सेंटर में चल रहा है। मैसेज भेजने में लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे में मैसेज मिलने के बाद मरीज अन्य लोगों से संपर्क करना शुरू कर दिया। अब बाद में स्वास्थ्य विभाग की टीम को इसकी जानकारी मिली तो पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ। जांच रिपोर्ट आने पर संबंधित व्यक्ति के स्वजन व साथ काम करने वाले लोग आश्चर्य में हैं। इसको लेकर स्थानीय लोगों ने पूरे मामले की शिकायत सिविल सर्जन से की। इसकी जानकारी होने पर स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. सतीश कुमार सिन्हा ने जांच का आदेश दिया है। सीएस ने कहा कि वे खुद इस मामले की समीक्षा करेंगे। आखिर यह कैसे हुआ कि मरीज को उसकी रिपोर्ट की गलत जानकारी कैसे जारी हो गई। फिलहाल यह मामला सामने आने के बाद पूरे सिस्टम पर सवाल उठ रहा है।
इस तरह से आया मामला
कल्याणपुर प्रखंड के मनियारपुर गांव निवासी किसान 14 अप्रैल से सर्दी-खांसी व बुखार की शिकायत होने पर इलाज के लिए 16 अप्रैल को सदर अस्पताल पहुंचे। ओपीडी में जाकर पूर्जा कटवाया। फिर लाइन में लगकर चिकित्सक को बीमार होने की जानकारी दी। ऑन ड्यूटी चिकित्सक ने तत्काल दवा के साथ-साथ कोविड-19 जांच कराने की सलाह दी। मरीज ने सदर अस्पताल में ही कोविड-19 जांच के लिए नमूना दे दिया। साथ ही दवा लेकर अपने घर लौट गए। इस बीच दवा खाने के बाद उनके स्वास्थ्य में भी सुधार हो गया।
मोबाइल पर निगेटिव का मिला मैसेज
किसान के मोबाइल पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 19 अप्रैल को कोरोना जांच की रिपोर्ट मैसेज की। मोबाइल पर मैसेज आया कि 16 अप्रैल को आपका कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल लिया गया था। आरटी-पीसीआर जांच में निगेटिव पाया गया है।
मेडिकल टीम ने स्वास्थ्य की ली जानकारी तो हुआ मामले का खुलासा
किसान के मोबाइल पर मैसेज आने के बाद वह बेफिक्र हो गए। इसके बाद अगले दिन 20 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीम ने उनके मोबाइल पर कॉल किया। उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली। दवा के बारे में पूछताछ की। इसके बाद पूरे मामले का खुलासा।