Samastipur: कोरोना काल में घटे टीबी के मरीज, लॉकडाउन के साथ मास्क के उपयोग से हुआ फायदा
Samastipur कोरोना संक्रमण के मुश्किल दौर में क्षय रोग यानी टीबी पर काफी हद तक नकेल लगी है।स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैैं कि वर्ष 2019 के मुकाबले 2020 में जिले में 644 टीबी के मरीज घट गए। टीबी से मुक्ति के लिए निश्चय पोर्टल से हो रहा काम।
समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के मुश्किल दौर में क्षय रोग यानी टीबी पर काफी हद तक नकेल लगी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैैं कि वर्ष 2019 के मुकाबले 2020 में जिले में 644 टीबी के मरीज घट गए। जबकि, कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन, शारीरिक दूरी का पालन और मास्क का प्रयोग इसकी वजह माना गया है। जिला यक्ष्मा रोग अधिकारी डॉ. बीके सिंह ने बताया कि वर्ष 2019 में जिले में छह हजार 467 नए मरीज का इलाज हुआ था, जबकि 2020 में घटकर पांच हजार 823 मरीज का इलाज हुआ। वर्ष 2021 में जनवरी से 23 मार्च तक 1516 नए टीबी मरीजों को निबंधित किया गया। टीबी रोगियों की संख्या घटने की एक वजह सक्रिय अभियान व मरीजों का सही इलाज भी है। साथ ही कोरोना काल में मरीजों को घर-घर दवाएं पहुंचाई गईं और बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने स्क्रीनिंग की।
वर्ष 2019 में 6467 तो 2020 में मिले 5823 टीबी मरीज
वर्ष 2019 में जनवरी से दिसंबर तक 8600 नए टीबी मरीजों का निबंधित कर इलाज करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसमें लक्ष्य के अनुरूप 75.2 प्रतिशत का निबंधन कर इलाज किया गया। जिले में कुल 6467 निबंधित मरीज में 4694 सरकारी अस्पतालों व 1773 प्राइवेट अस्पताल के केस निबंधित हुए थे। इसमें शून्य से 14 वर्ष के 690 बच्चे मिले। इसके अलावा 4178 पुरुष व 2281 महिला मरीज शामिल है।
वर्ष 2020 में जनवरी से दिसंबर तक 8680 नए टीबी मरीजों का निबंधित कर इलाज करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसमें लक्ष्य के अनुरूप 67.1 प्रतिशत का निबंधन कर इलाज किया गया। जिले में कुल 5823 निबंधित मरीज में 3207 सरकारी अस्पतालों व 2616 प्राइवेट अस्पताल के केस निबंधित हुए थे। इसमें शून्य से 14 वर्ष के 510 बच्चे मिले। इसके अलावा 3623 पुरुष व 2197 महिला मरीज शामिल है।
तीन सूत्री परिस्थिति जन्य फॉर्मूले ने दिए अच्छे परिणाम
टीबी मरीजों की संख्या में कमी आने की तीन प्रमुख वजह हैं। पहली करीब तीन महीने का देशव्यापी लॉकडाउन, जिसमें लोग घरों से बाहर नहीं निकले। वे एक दूसरे के संपर्क में नहीं आ सके और क्षय रोग के संक्रमण पर विराम लगा। दूसरी वजह कोरोना से बचने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा मास्क है। कोरोना व टीबी दोनों ही संक्रमित मरीज के खांसने व छींकने से फैलते है। तीसरी सबसे वजह केंद्र सरकार का वह आदेश है, जिसमें सभी टीबी मरीजों में कोरोना जांच व सभी कोरोना मरीजों में टीबी जांच को जरूरी किया जाना है। इसके चलते स्क्रीनिंग का दायरा भी बढ़ गया।
टीबी उन्मूलन के लिए निश्चय पोर्टल से हो रहा काम
टीबी पर प्रभावी नियंत्रण और उन्मूलन के लिए सरकार ने एक नई योजना लागू की है। इसका उद्देश्य क्षय रोग से मुक्ति पाना है। नई योजना के तहत सारथी के तौर पर निश्चय पोर्टल बनाया गया है। इसके माध्यम से प्रशासनिक स्तर पर ऑनलाइन निगरानी की जा रही है। पोर्टल के माध्यम से टीबी मरीजों और उनके इलाज से संबंधित सूचनाएं और इलाज से स्वास्थ्य में सुधार की जानकारियां दर्ज हो रही है। प्रत्येक दिन पोर्टल अपडेट किया जा रहा है। इसमें सुझाव और शिकायत को लेकर भी सुविधाएं दी गई है।