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Samastipur: बिना कोविड जांच के भी गर्भवती को देनी है स्वास्थ्य सुविधा, इलाज से इनकार करने पर करें शिकायत

Samastipur News अब सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेगी। साथ ही कोविड जांच की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई है। गर्भवती महिलाओं के उपचार से इनकार करने पर टॉल फ्री 104 पर दर्ज करें शिकायत।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 05:08 PM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 05:08 PM (IST)
Samastipur: बिना कोविड जांच के भी गर्भवती को देनी है स्वास्थ्य सुविधा, इलाज से इनकार करने पर करें शिकायत
बिना कोविड जांच के भी गर्भवती को देनी है स्वास्थ्य सुविधा।

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। अब सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेगी। साथ ही कोविड जांच की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई है। बिना कोविड जांच के भी गर्भवती का इलाज किया जाना है। गर्भवती का इलाज नहीं किए जाने की स्थिति में टॉल फ्री संख्या 104 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकेंगे। जिले में कोरोना के रोकथाम व इससे बचाव के लिए विभाग संकल्पित है। 25 मई तक लॉकडाउन है। फिर भी कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं को हर संभव बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने का प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग ने एक अहम निर्णय लिया है। अब गर्भवती महिलाओं को बिना किसी देरी के तुरंत उपचार प्रदान किया जाएगा। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निदेश दिया है।

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 कोविड-19 महामारी के संक्रमण की रोकथाम हेतु सुरक्षा एवं सावधानी का पालन करना बहुत आवश्यक है। गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान एवं प्रसव पश्चात सेवा प्रदान करना सुनिश्चित किया जाना है। सभी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए विशेष कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। ऐसा देखा गया है कि गर्भवती महिला को कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट दिखाने की मांग सेवा प्रारंभ करने से पूर्व की जाती है जो अनावश्यक देरी का कारण बनती है। चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है कि गर्भवती महिलाओं को बिना देरी किए सेवाएं प्रदान की जाए।

किसी भी स्थिति में सेवा देने से नहीं करें इंकार

स्वास्थ्य कर्मियों (निजी एवं सरकारी) द्वारा वैक्सीन की दोनों खुराक अवश्य ले ली गई होगी, इसकी उम्मीद की जाती है। कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ सभी सेवाएं गर्भवती महिलाओं को प्रदान की जाए एवं किसी भी स्थिति में सेवा से इंकार नहीं किया जाए। सेवा से इंकार किए जाने को काफी गंभीरता से लिया जाएगा। 104 कॉल सेंटर के माध्यम से शिकायतों को दर्ज करने के लिए लाभुकों को प्रेरित किया जाए और सेवा से इंकार जैसी स्थित से तुरंत ही निपटा जाए ताकि गर्भवती महिलाओं की सेवाओं की निरंतरता बनी रहे। 

संस्थागत प्रसव को दी जानी है प्राथमिकता

कोरोना काल में भी सदर अस्पताल समेत सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षित प्रसव के लिए सुरक्षा के मद्देनजर समुचित व्यवस्था उपलब्ध हैं। इसके अलावा प्रसव के बाद महिलाओं को स्वास्थ्य एवं शिशु के बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जाती है। ताकि प्रसव के पश्चात भी माता एवं शिशु को किसी प्रकार की शारीरिक पीड़ा नहीं हो और होने पर तुरंत आवश्यक उपचार करा सकें। गर्भावस्था के दौरान हर महिलाओं के मन में सामान्य व सुरक्षित प्रसव को लेकर तरह-तरह के सवाल उठते हैं। हर महिला सामान्य और सुरक्षित प्रसव चाहती है। इस दौरान छोटी सी लापरवाही और नजरअंदाज करना बड़ी मुसीबत का सबब बन जाती है। इसलिए, सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने की जरूरत है। सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थान यानी अस्पतालों में पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हैं और सुरक्षा के हर मानकों का भी ख्याल रखा जाता है। इससे न सिर्फ सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी।


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