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Samastipur News: 85 वर्ष की वृद्धा ने दृढ़ आत्मबल से कोरोना को हराया, परिवार में खुशी का माहौल

Samastipur Coronavirus News Update शहर के प्रोफेसर कॉलोनी निवासी 85 वर्षीय वृद्धा प्रमिला देवी ने आत्मसंयम व दृढ़ इच्छाशक्ति के बूते कोरोना को हरा दिया। कोरोना वायरस से देश की जंग में समस्तीपुर की रहने वाली इस वृद्ध महिला ने अच्छी खबर दी है।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 26 Apr 2021 04:26 PM (IST)Updated: Mon, 26 Apr 2021 04:26 PM (IST)
Samastipur News: 85 वर्ष की वृद्धा ने दृढ़ आत्मबल से कोरोना को हराया, परिवार में खुशी का माहौल
शहर के प्रोफेसर कॉलोनी निवासी 85 वर्षीय वृद्धा प्रमिला देवी।

समस्तीपुर, जागरण संवाददाता। शहर के प्रोफेसर कॉलोनी निवासी 85 वर्षीय वृद्धा प्रमिला देवी ने आत्मसंयम व दृढ़ इच्छाशक्ति के बूते कोरोना को हरा दिया। अब स्वस्थ होकर वह दूसरों को प्रेरणा दे रही हैं। कोरोना वायरस से देश की जंग में समस्तीपुर की रहने वाली इस वृद्ध महिला ने अच्छी खबर दी है। इलाज के बाद ठीक होकर वह अपने घर पहुंच चुकी है। कोरोना संक्रमित होने के बाद उनके पाेते ने उनका पूरा ख्याल रखा। उम्र के इस पड़ाव में दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्मबल के बलबूते धैर्य के साथ संतुलित आहार व दवाओं के सेवन से उन्होंने कोरोना को मात दे दी है। इनका कहना है कि पौष्टिक आहार, प्रोटीन युक्त चीजों का भरपूर सेवन समेत आत्मबल होना लाभकारी है। उम्र के इस पड़ाव में कोरोना विजेता बन दूसरों के लिए नजीर बन गई हैं। 15 दिनों तक इलाज में रहने के बाद उनका रिपोर्ट निगेटिव हो गया। इससे पूरे परिवार में खुशी का माहौल है।

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मां-बेटे में हुई थी संक्रमण की पुष्टि

पिछले दिनों समस्तीपुर शहर निवासी बब्बन कुमार सिंह अपनी मां का आंख का इलाज कराने के लिए इंदौर लेकर गए थे। इलाज कराने के बाद में दोनों कोरोना संक्रमण के शिकार हो गए। पहले पुत्र संक्रमित हुए। फिर मां भी संक्रमण का शिकार हो गई।

पोते ने दादी का किया सेवाभाव, हुई बिल्कुल स्वस्थ

रतनदीप रवि उर्फ दीपू ने कहा कि कोरोना से डरने व घबराने की जरूरत नहीं है। मास्क के साथ-साथ सैनिटाइजर का उपयोग करते रहना चाहिए। उसने बताया कि पहले उसके चाचा संक्रमित हुए। फिर दादी की भी तबियत बिगड़ने लगी। दादी को सर्दी, खांसी व बुखार हो गया। इसके बाद वहीं पर उनका आरटी-पीसीआर जांच हुआ। लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आया। इस बीच तबियत में सुधार नहीं आया। फिर तीन-चार दिनों बाद ऑक्सीजन लेवल जांच में लगातार कमी दिखने लगी। सीटी स्कैन व अन्य जांच कराया। पुन: 12 अप्रैल को आरटी-पीसीआर की जांच हुई। इसका रिपोर्ट पॉजिटिव मिला। इसके बाद सांस लेने में भी परेशानी होने लगी। फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर 15 दिनों तक लगातार इलाज चला।


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