मुजफ्फरपुर के सकरा विधायक को चुनाव मैदान के बाहर इन्होंने दी चुनौती, करना होगा मुकाबला
मुजफ्फरपुर की सकरा सीट से अशोक कुमार चौधरी को 67 हजार 265 मत मिले थे। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी उमेश राम को 65 हजार 728 मत मिले। इस तरह नजदीक मुकाबले में केवल 1537 मतों के अंतर से हार और जीत का फैसला हुआ।
मुजफ्फरपुर, जासं। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के बाद विपक्षी गठबंधन ने उन जगहों के निर्वाचन को कोर्ट में चुनौती दी है जहां हार का अंतर बहुत कम रहा। हालांकि इस दायरे में राजद के विधायक भी आ रहे। मुजफ्फरपुर की सकरा सीट के निर्वाचन को चुनौती दी गई है। यहां भी हार और जीत का अंतर बहुत अधिक नहीं रहा था। इस तरह जदयू के खाते की जिले की एकमात्र सीट को कांग्रेस के प्रत्याशी ने चुनौती दी है। अब यहां से विधायक अशोक कुमार चौधरी को उमेश कुमार राम ने चुनावी मैदान के बाहर चुनाैती पेश की है। इस मोर्चे पर भी उन्हें अपनी जीत को वैध साबित करना होगा। यह मामला पटना हाईकोर्ट पहुंच गया है। माना जा रहा है कि नव वर्ष में इस पर सुनवाई शुरू होगी। इसके बाद आगे की प्रक्रिया होगी।
अक्टूबर और नवंबर में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सकरा सुरक्षित सीट से जदयू के अशोक कुमार चौधरी को 67 हजार 265 मत मिले थे। जबकि महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे उमेश कुमार राम को 65 हजार 728 मत मिले। इस तरह देखा जाए तो यह बहुत ही नजदीक का मामला था। केवल 1537 मतों के अंतर से हार और जीत का फैसला हुआ। मतगणना के समय भी इसको लेकर विवाद हुआ था। हालांकि इसमें लोजपा की ओर से चुनाव मैदान में उतरे संजय पासवान की भूमिका को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उन्होंने 13 हजार 528 मत हासिल किए। इस तरह उन्होंने जदयू प्रत्याशी के लिए परेशानी बढ़ा दी थी। हालांकि इस दौरान चुनाव आयोग और जिला प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे। अब देखने वाली बात होगी कि चुनाव मैदान के बाहर होने वाला यह मुकाबला क्या स्वरूप अख्तियार करता है। वैसे यदि राज्य स्तर पर इस मामले को देखा जाए तो मुकदमा दर्ज कराने वालों में सबसे ज्यादा राजद के हैं। इस दल के आठ और कांग्रेस के छह प्रत्याशियों ने दावा पेश किया है। पांच निर्दल भी हैंं।