Move to Jagran APP

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन हिंसा: साकेत कोर्ट ने CBI को लगाई फटकार, दी ये चेतावनी

बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्‍टर होम यौन हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट के बाद अब दिल्‍ली की साकेत कोर्ट ने भी सीबीआइ को फटकार लगाई है। क्‍या है यह मामला जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 26 Feb 2019 12:03 AM (IST)Updated: Tue, 26 Feb 2019 11:14 PM (IST)
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन हिंसा: साकेत कोर्ट ने CBI को लगाई फटकार, दी ये चेतावनी
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन हिंसा: साकेत कोर्ट ने CBI को लगाई फटकार, दी ये चेतावनी

पटना [जेएनएन]। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में दो दिनों के भीतर विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) नियुक्त करने का आदेश दिया। कोर्ट ने मामने की अगली सुनवाईके लिए 27 फरवरी की तिथि तय की। आदेश की अवमानना करने पर कोर्ट ने सीबीआइ के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी।

loksabha election banner

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार

विदित हो कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की सुनवाई के दौरान सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने लापरवाही को लेकर नीतीश सरकार के साथ सीबीआइ को भी फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि बच्चों के साथ इस तरह का बर्ताव दुर्भायपूर्ण है। नाराज सुप्रीम कोर्ट ने इस संवेदनशील मामले को बिहार की सीबीआइ कोर्ट से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था।

साकेत कोर्ट ने दिया ये आदेश

साकेत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट डॉ. सौरभ कुलश्रेष्ठ की कोर्ट में बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्‍टर होम यौन हिंसा मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान वरिष्ठ लोक अभियोजक आरएन सिंह ने कोर्ट को बताया कि उन्हें इस मामले में अभी तक अधिकारिक रूप से सूचित नहीं किया गया है। इस प्रक्रिया में कुछ और समय लग सकता है। इसके बाद कोर्ट ने सीबीआइ से कहा कि वह कल ही अधिसूचना चाहती है और यदि सीबीआइ ऐसा नहीं कर सकती तो वह सुप्रीम कोर्ट को सूचित करे। कोर्ट ने यह भी कहा कि आदेश का पालन नहीं होने पर संयुक्त निदेशक स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों का पेश होना पड़ेगा। आदेश की अवमानना करने पर कोर्ट ने सीबीआइ के खिलाफ कार्रवाई की भी चेतावनी दी।

पेश हुए सभी आरोपित, भेज गए तिहाड़

वरिष्ठ लोक अभियोजक ने बताया कि सुनवाई के दौरान आरोपितों ने प्रार्थना पत्र देकर मुकदमे से संबंधित दस्तावेज देने का आग्रह किया है। मामले की अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी। सोमवार को सुनवाई के लिए सभी आरोपित कोर्ट में पेश हुए। इसके बाद इन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया। अगली सुनवाईके दौरान भी उन्‍हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।

यह है मामला

टाटा इंस्‍टरच्‍यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में बिहार के विभिन्‍न शेल्‍टर होम में लड़कियों व बच्‍चों के उत्‍पीड़न व उनके साथ यौन हिंसा की बातें उजागर हुईं थीं। पहले तो सरकार ने इसपर ध्‍यान नहीं दिया, लेकिन बाद में कार्रवाई की गई।

31 मई 2018 को बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने शेल्‍टर होम के पदाधिकारियों पर पॉक्सो व आइपीसी की धाराओं में महिला थाने में मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद 28 जुलाई को सीबीआइ ने मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान सीबीआइ ने मुजफ्फरपुर शेल्‍टर होम के संचालक ब्रजेश ठाकुर, इंदु कुमारी, मीनू देवी, मंजू देवी, चंदा देवी, नेहा कुमारी, हेमा मसीह, किरण कुमारी, रवि कुमार रोशन, विकास कुमार, दिलीप कुमार वर्मा, विजय कुमार तिवारी, गुड्डू कुमार पटेल, किशन राम उर्फ कृष्णा, रोजी रानी, डॉ. अश्विनी उर्फ आसमानी, विक्की, रामानुज ठाकुर, रामाशंकर सिंह व साइस्ता परवीन उर्फ मधु को आरोपित किया।

मामले के मास्‍टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर को पंजाब के जेल में स्‍थानांतरित कर दिया गया, ताकि वह मुकदमा प्रभावित न कर सके। बीते सात फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मुकदमा को भी दिल्‍ली की साकेत कोर्ट में स्‍थानांरित कर दिया गया। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.