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Muzaffarpur: ऑक्सीजन को निजी अस्पताल में हंगामा, अब सीएस की निगरानी में मिलेगा रेमडेसिविर इंजेक्शन

Muzaffarpur News रेमडेसिविर इंजेक्शन के वितरण पर लगाया गया पहरा अस्पतालों को ड्रग इंस्पेक्टर ने लिखा पत्र। डिमांड के लिए ड्रग कंट्रोलर बिहार के ई-मेल पर भेजना है अनुरोध। सिविल सर्जन ने डिमांड वाले मरीज की जांच के लिए गठित की कमेटी इसकी अनुशंसा दिया जाएगा इंजेक्शन।

By Murari KumarEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 11:11 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 11:11 AM (IST)
Muzaffarpur: ऑक्सीजन को निजी अस्पताल में हंगामा, अब सीएस की निगरानी में मिलेगा रेमडेसिविर इंजेक्शन
अब सीएस की निगरानी में मिलेगा रेमडेसिविर इंजेक्शन

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना मरीज के लिए ऑक्सीजन से लेकर दवा तक के लिए परेशानी है। एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को लेकर लोगों ने हंगामा किया। जूरन छपरा के एक अस्पताल में सुबह में परेशानी थी। हंगामा के बाद प्रशासनिक हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ और ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई। इधर ऑक्सीजन को लेकर चिकित्सकों की चिंता बढ़ गई है।  मां जानकी अस्पताल के संचालक वरीय चिकित्सक धीरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से नए मरीज भर्ती नहीं कर रहे हैं। उनके यहां कोविड के साथ नन कोविड मरीज का इलाज ऑक्सीजन की कमी से प्रभावित है। उनको प्रतिदिन 15 से 16 सिलेंडर चाहिए, लेकिन अभी कम मिल रहे हैैं।

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 आइएमए अध्यक्ष डॉ.सीबी कुमार ने बताया कि जिला आपदा नियंत्रण पदाधिकारी से संपर्क कर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उनकी पहल पर ऑक्सीजन मिल रही है, लेकिन जितनी मात्रा चाहिए उतनी नहीं मिल रही है। अगर यहीं हाल रहा तो आने वाले दिनों में मरीजों के इलाज में परेशानी होगी। इधर नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ.सुधांशु कुमार ने बताया कि ऑक्सीजन अगर अस्पताल में सही तरीके से उपलब्ध हो जाए तो ज्यादा से ज्यादा से मरीजों को बचाने में मदद मिलेगी। उनके पास प्रतिदिन अस्पताल व मरीजों के स्वजनों के फोन आ रहे हैैं। इस पर प्रशासन को सख्ती करने की जरूरत है। 

सिविल सर्जन डॉ.एसके चौधरी ने कहा कि ऑक्सीजन पर निगरानी के लिए हर स्तर पर पहल चल रही है। कितना उत्पादन व कितना वितरण हुआ उसके हिसाब से सबको दिया जा रहा है। 
1200 इंजेक्शन की मांग, मात्र 38 वायल मिले, निगरानी को बनाई टीम 
कोरोना मरीज के इलाज में प्रयुक्त होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर परेशानी है। 1300 से 1500 में मिलने वाले इंजेक्शन की कीमत 10 से 30 हजार तक लोग देने को तैयार हंै। इसके लिए हर स्तर पर लोग पैरवी लगा रहे हैं। इधर स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुख्यालय से 1200 इंजेक्शन की मांग की गई थी, लेकिन मात्र 38 वायल ही जिले को दी गई है। उम्मीद है कि गुरुवार को यह इंजेक्शन जिले को मिल जाएगा। इधर रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई के लिए सिविल सर्जन ने तीन सदस्यीय मेडिकल टीम गठित की है। जिस मरीज या अस्पताल को इसकी आवश्यकता होगी, उसकी टीम जांच करेगी। देखेगी कि वास्तव में उक्त मरीज को इस इंजेक्शन की जरूरत है या नहीं। टीम की अनुशंसा पर सिविल सर्जन संबंधित मरीज या अस्पताल को रेमडेसिविर इंजेक्शन देने का आदेश निर्गत करेंगे। 
सदर अस्पताल के सेंट्रल स्टोर में मिलेगी दवा 
सीएस ने बताया कि इसके लिए  सदर अस्पताल स्थित सेंट्रल गोदाम से  इस इंजेक्शन की आपूर्ति संबंधित अस्पताल या मरीज को की जाएगी। दवा अब वहीं पर रखी जाएगी। ड्रग इंस्पेक्टर उदय बल्लभ ने कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले सभी सात अस्पतालों के प्रबंधन को पत्र लिखा है।  इसमें कहा है कि जिस अस्पताल को यह इंजेक्शन जरूरत हो वे कंट्रोलर पटना के ईमेल आइडी पर अपनी डिमांड के साथ मरीज का आधार कार्ड, डॉक्टर का रिकमेंडेशन की पर्ची और पॉजिटिव की रिपोर्ट भेजेंगे। राज्य मुख्यालय से इंजेक्शन अलॉट होने के बाद संबंधित अस्पताल को सूचित किया जाएगा। सिविल सर्जन द्वारा गठित तीन सदस्यीय मेडिकल टीम अस्पताल पहुंचकर मरीज की स्थिति का जायजा लेगी। अपनी रिपोर्ट देने के बाद मरीज या अस्पताल को  रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। सीएस ने बताया कि जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की काफी कमी है। हालांकि यह कोरोना की एकमात्र दवा नहीं है। फिर भी जिले में इसकी काफी मांग है। इसे देखते हुए इसका मिसयूज न हो तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की गई है। 

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