आरटीई में हुए नामांकन के एवज पैसों के भुगतान के लिए अगली बैठक में होगा विचार
शिक्षा विभाग के साथ अनएडेड स्कूल संचालकों में ठनी खबर के दैनिक जागरण में छपने के बाद डीईओ कार्यालय ने मसले का संज्ञान लिया।
मुजफ्फरपुर : 'शिक्षा विभाग के साथ अनएडेड स्कूल संचालकों में ठनी' खबर के दैनिक जागरण में छपने के बाद डीईओ कार्यालय ने मसले का संज्ञान लिया। इसको लेकर सोमवार को बैठक हुई। हालंाकि शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के तहत 25 फीसद गरीब बच्चों के नामांकन के एवज मिलने वाले पैसे के भुगतान पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। डीईओ और एसोसिएशन से जुड़े स्कूल संचालकों से वार्ता के पश्चात यह निर्णय हुआ कि वरीय अधिकारियों के आदेश को केंद्र में रखकर अगली बैठक में कोई निर्णय लिया जाएगा। यह भी कहा गया कि डीईओ के नेतृत्व में पूर्व की बनाई गई जांच कमेटी को बरकरार रखते हुए दोनों जिला कार्यक्रम पदाधिकारी लेखा एवं योजना, समग्र शिक्षा अभियान इसमें मौजूद रहेंगे।
एसोसिएशन के सचिव व इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल के सचिव सुमन कुमार ने बताया कि, शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) 2011 में लागू हुआ, उस वक्त जो निजी स्कूल संचालकों के आदेश आए थे, उनमें 80 फीसद स्कूल संचालक आरटीई के मानक को पूरा कर रहे हैं। साथ ही आरटीई के दायरे से बाहर किए गए 550 निजी स्कूलों को विभागीय सूची में लाने का आग्रह किया। वे सभी विद्यालय प्रतिवर्ष आरटीई के तहत नामांकित बच्चों की रिपोर्ट विभाग को सौंपते हैं, बावजूद विभागीय सूची में नहीं हैं। साथ ही आरटीई एक्ट 2009 एवं 2011 के प्रावधानों को सार्वजनिक कर मूल प्रति उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने कहा कि पटना से शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों का स्पष्ट आदेश आता है, लेकिन स्थानीय स्तर के पदाधिकारियों द्वारा मामले को उलझा दिया जाता है। इसके कारण समस्या का हल नहीं हो पा रहा। जबकि इसी दौरान तीन स्कूल संचालकों ने पिछले साल आरटीई के पैसे ले भी लिए। वहीं डीईओ अब्दुस सलाम अंसारी ने आरटीई के पैसे का भुगतान शीघ्र कराने का भरोसा दिलाया। कहा कि अगली बैठक में लेखा एवं योजना तथा समग्र शिक्षा अभियान, दोनों डीपीओ मौजूद रहेंगे। सोमवार को हुई बैठक में एसोसिएशन के सुनील सहाय सर्वेश्वर कुमार, सतीश कुमार झा आदि मौजूद थे।