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मान्यता रद वाले स्कूलों को भी दें आरटीई के पैसे

मुजफ्फरपुर एसोसिएशन ऑफ नॉन एफलिएटेड (मानस)की ऑमसभा रविवार को मीनापुर प्रखंड के मुकसूदपुर में हुई। अध्यक्षता जेसस मेरी स्कूल के निदेशक व मानस के अध्यक्ष मुकुट मणि ने की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 02:13 AM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 02:13 AM (IST)
मान्यता रद वाले स्कूलों को भी दें आरटीई के पैसे
मान्यता रद वाले स्कूलों को भी दें आरटीई के पैसे

मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर एसोसिएशन ऑफ नॉन एफलिएटेड (मानस)की ऑमसभा रविवार को मीनापुर प्रखंड के मुकसूदपुर में हुई। अध्यक्षता जेसस मेरी स्कूल के निदेशक व मानस के अध्यक्ष मुकुट मणि ने की। निजी विद्यालयों के साथ हो रही समस्या और ज्वलंत मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। अध्यक्ष ने कहा मान्यता रद किए गए निजी विद्यालयों को भी शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के तहत नामांकित बच्चों के एवज में सरकार से मिलने वाली राशि को जल्द निर्गत किया जाए और आरटीई के दायरे में निजी विद्यालयों को सुगमता से रजिस्ट्रेशन कराया जाए। इस बात को लेकर सोमवार को डीएम, डीईओ और डीपीओ से मिलेंगे। उन्होंने बताया कि, 2015 से 1018 तक आरटीई के तहत जिले के सभी निजी विद्यालयों का रजिस्ट्रेशन किया गया। उसके बाद विभाग के अधिकारी ने कुछ निजी विद्यालयों का अचानक रजिस्ट्रेशन रद कर दिया। अधिकारियों के क्रियाकलाप से निजी विद्यालय संचालक सदमे में हैं। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा। बच्चों के स्वजनों के द्वारा फी नहीं मिलने से कई स्कूल व कोचिंग बंद हो गए और कई बंद होने के मुहाने पर चले आए हैं। इसको लेकर भी अधिकारियों से शिकायत की जाएगी। आम सभा में निजी विद्यालयों के प्राचार्य और निदेशक शामिल हुए। गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों की प्रस्वीकृति के नाम पर नहीं चलेगा खेल आरटीई के तरह सभी निजी स्कूलों की प्रस्वीकृति शीघ्र प्रदान करने की मांग जोर पकड़ ली है। तिरहुत एसोसिएशन ऑफ अनएडेड स्कूल्स के सचिव व इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक सुमन कुमार ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा है। उनका कहना है कि गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों की प्रस्वीकृति में नाम पर खेल बंद करना होगा। जिले में आरटीई के तहत नामांकित बीपीएल बच्चों की राशि जल्द निर्गत किया जाए तथा रद स्कूलों का रजिस्ट्रेशन जल्द दिया जाए। जिन गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों ने प्रस्वीकृति हेतु आवेदन दिया है तथा यू-डायस जमा किया है, उनको विभाग प्राथमिकता देकर जल्द स्वीकृति प्रदान करें। निजी विद्यालयों को न बच्चों के स्वजनों से फी मिल रहे और न आरटीई के पैसे मिल रहे। इसके कारण निजी विद्यालय संचालक आर्थिक तंगी से गुजर रहे। मकान किराया के कारण कई स्कूल और कोचिंग बंद हो गए। इसके कारण कई शिक्षक रोड पर आ गए। कई विद्यालयों में मकान मालिक द्वारा ताला लगा दिया गया है। अधिकाश कर्मचारी सपरिवार भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। आग्रह किया है कि विभाग परिस्थिति को समझते हुए आरटीई की राशि जल्द निर्गत कर दें, ताकि कर्मियों को भुखमरी से बचाया जा सके।

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