राजद में बगावत के सुर, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा- लालू का परिवार मुस्लिमों को दे रहा धोखा
राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व उपाध्यक्ष अफरीदी रहमान ने तो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार पर सीधे तौर हमला बोला और मुसलमान विरोधी करार दिया। कहा लालू प्रसाद के परिवार के लिए शहाबुद्दीन ने बहुत कुर्बानी दी लेकिन उनके परिवार के लोगों ने धोखा दिया।
मुजफ्फरपुर, जासं। who is shahabuddin bihar: कोरोना से पहले विधानसभा सत्र के दौरान राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने अपने सख्त तेवर का परिचय दिया था। सड़क और सदन दोनों ही जगह सरकार को घेरा था। जिससे सूबे की राजनीतिक गतिविधियां बहुत तेज हो गई थीं, लेकिन कोरोन काल में राजद के अंदर ही बगावत के सुर फूटने लगे हैं। खासकर सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के निधन के बाद। राजद अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के पूर्व उपाध्यक्ष अफरीदी रहमान ने तो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार पर सीधे तौर हमला बोला और मुसलमान विरोधी करार दिया। इस संबंध में उन्होंने बयान जारी कर कहा है कि लालू प्रसाद के परिवार के लिए शहाबुद्दीन ने बहुत कुर्बानी दी, लेकिन उनके परिवार के लोगों ने धोखा दिया। सारा मुस्लिम लोग शोक में डूबा हुआ है और लालू प्रसाद के परिवार बंगाल का रिजल्ट आने पर जश्न मना रहे हैं। अब उनकी सारी सच्चाई सामने आ गई।
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जानकारों का तो यह भी कहना है कि अफरीदी रहमान इस तरह की सोच रखने वाले अकेले नहीं हैं। वे एक समुदाय और खासकर शहाबुद्दीन का समर्थन करने वाले लाेगों की भावना को व्यक्त कर रहे हैं। उनका आक्रोश इस बात को लेकर है कि पूर्व सांसद डॉ. मोहम्मद शहाबुद्दीन के कोरोना से निधन होने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के परिवार से कोई भी देखने तक नहीं गया, जबकि लालू प्रसाद उस वक्त दिल्ली में ही थे।
इस बीच एक सूचना छपरा से भी आई है कि राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष व बिहार विधान परिषद के पूर्व उपसभापति रहे सलीम परवेज ने भी शहाबुद्दीन की मौत के समय पार्टी और आलाकमान के रवैये को गलत माना है। उन्होंने इसे पूरी तरह से उपेक्षा करार देते हुए अपने पद और पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इससे पार्टी के मूल आधार यानी एमवाई में से मुस्लिम समाज के अंदर के आक्रोश को सहज ही महसूस किया जा सकता है। उनका आरोप है कि राजद के संस्थापक में से एक रहे शहाबुद्दीन के बीमार होने से लेकर उनके निधन होने तक राजद सुप्रीमो और उनके परिवार के सदस्य दिल्ली में ही थे, लेकिन किसी ने देखने के लिए जाने तक की जहमत नहीं उठाई। हालांकि, अब विस में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव व लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेज प्रताप ने स्थिति को संभालने के लिए इंटरनेट मीडिया के माध्यम से बयान जारी कर स्थिति को संभालने की कोशिश की है। यह देखने वाली बात होगी कि इसका प्रभाव किस स्तर तक पड़ता है।