उत्तर बिहार की नदियों में उफान, कई गांवों में फिर से घुसा बाढ़ का पानी
वीटीआर के जंगल में भी घुसा पानी पलायन कर रहे वन्य जीव। बगहा शहर के कैलाशनगर में प्रवेश कर रहा गंडक नदी का पानी। पूर्वी चंपारण मधुबनी सीतामढ़ी में बारिश व बाढ़ से स्थिति गंभीर। सबको प्रशासन से राहत सामग्री मिलने की उम्मीद।
मुजफ्फरपुर, जाटी। उत्तर बिहार में लगातार बारिश से शुक्रवार को स्थिति विकराल हो गई। नदियों में उफान से कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी फैल गया है। पश्चिम चंपारण में शाम तक गंडक का जलस्तर तीन लाख 39 हजार दो सौ क्यूसेक तक पहुंच गया। गंडक बराज के सभी 36 फाटक उठा दिए गए हैं। यहां पर तैनात अभियंताओं को अलर्ट कर दिया गया है। सीमावर्ती उत्तरप्रदेश के सोहगीबरवा समेत करीब दो दर्जन गांवों में पानी प्रवेश कर गया है। बगहा शहर के कैलाशनगर मोहल्ले में भी गंडक का पानी तेजी से प्रवेश कर रहा है। एसएसबी के झंडहवा टोला स्थित कैंप सहित पांच गांव फिरजलमग्न हो गए हैं।
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व ( वीटीआर) के जंगल में पानी घुसने से वन्य जीव ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं। सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें डूब गई हैं। लोग ऊंचे स्थानों पर मवेशियों के साथ जाने लगे हैैं। ठाढी एसएसबी कैंप भी पानी से घिर गया है। मसान व सिकरहना नदी में आई बाढ़ से लोग सहमे हैं। जमुआ नदी का पानी गौरीपुर मंझरिया, कुंडीलपुर सरेह में फैल गया है। मुख्य पथ से गौरीपुर मंझरिया जाने वाली सड़क कट गई है। पूर्वी चंपारण के सुगौली और बंजरिया में तीसरी बार बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। मधुबनी जिले के जयनगर में कमला बलान नदी खतरे के निशान से 41 सेमी. ऊपर बह रही है। इससे कई गांवों में पानी फैल गया है। झंझारपुर में नवटोलिया गांव के चौर में पानी घुस गया है। बेनीपट्टी प्रखंड के एक दर्जन अब भी बाढ़ के पानी से घिरे हैैं। समस्तीपुर में गंगा और वाया नदी में फिर उफान से लोग सहमे हैैं। नून और बैती नदी का कहर जारी है। एक लाख से अधिक की आबादी आश्रय स्थल और सड़कों के किनारे रहने को मजबूर हैैं।
सीतामढ़ी जिले में भी संकट गहराने लगा है। शहर के कई इलाके बारिश के पानी से घिरे हैैं। नतीजा, लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है। बागमती व मनुषमारा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। दरभंगा जिले में बलान और धौंस नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। मुजफ्फरपुर जिले के सकरा में गुरुवार को कदाने नदी का बांध टूटने के बाद कई गांवों में पानी घुस गया है।