Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर में नदियां उफान पर, बकुची पावर सब स्टेशन में घुसा पानी
Water entered at Bakuchi Power Sub Station मुजफ्फरपुर के कटरा प्रखण्ड में चार सौ घरों में प्रवेश कर गया पानी ऊंचे ठिकाने पर शरण ले चुके प्रभावित परिवार। सभी मुख्य मार्ग पानी में डूबे आवागमन हो गया बाधित।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बागमती के जलस्तर में वृद्धि तीसरे दिन भी जारी रही। बागमती और लखनदेई दोनों नदियां उफान पर रहीं। कटरा प्रखंड मुख्यालय का सड़क संपर्क उत्तरी क्षेत्र की 14 पंचायतों से भंग हो गया। बकुची पावर हाउस में पानी घुस गया है जिससे विद्युत आपूर्ति बाधित होने की संभावना बढ़ गई है। प्रखंड के लगभग 400 घरों में पानी प्रवेश कर गया है। प्रभावित परिवार घर छोड़कर ऊंचे ठिकाने पर शरण ले चुके हैं।
लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। वहीं खेती-बारी बाढ़ की भेंट चढऩे के बाद अब जान पर बन आई है। छत के अभाव में बांध पर शरण लेने वाले लोग वर्षा में भींगने को विवश हैं। सभी मुख्य मार्गों के पानी में डूबने से आवागमन ठप पड़ गया है। अबतक लगभग 50 गांवों की दो लाख की आबादी बाढ़ की चपेट में आ गई है। जहां बागमती बांध बन गया है, उनकी पीड़ा और भी दुखदायी है। लगातार बारिश से वहां महीनों से जलजमाव है। जलनिकासी का कोई प्रबंध नहीं है। जलस्तर में कमी के बाद भी उन्हें निजात नहीं मिलता है।
प्रखंड की बसघटृा, चंगेल, खंगुरा, नगवारा, पहसौल, यजुआर, कटाई, लखनपुर, शिवदासपुर, धनौर, कटरा, सोनपुर आदि पंचायत इस पीड़ा के गवाह हैं। वहीं बाढ़ के पानी से बकुची, पतांरी, नवादा, अंदामा, गंगेया, माधोपुर, बडरी, चंदौली, तहवारा, बुधकारा, बसंत, बेलपकौना, बंधपुरा, मोहनपुर, बरैठा आदि के लोग त्रस्त हैं। बसघटृा निवासी महादेव दास ने बताया कि बाढ़ और वर्षा ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। खरीफ फसल डूब जाने के बाद अब रबी की बुआई पर ग्रहण लग गया है। पहसौल के रणजीत गुप्ता ने बताया कि कोरोना काल में जिस तरह व्यवसाय ठप हो गया, उसी प्रकार बाढ़ और वर्षा ने किसानों की कमर तोड़ दी। धर्मेंद्र कामती का कहना है बाढ़-वर्षा से कई लोगों का घर जमींदोज हो गया है। लेकिन, सूचना के बाद भी अंचल कर्मी जायजा लेने नहीं आए।
एक सप्ताह से ट्रांसफॉर्मर जलने से बिजली की किल्लत झेल चुके लोगों के सामने एकबार फिर बिजली की आपूर्ति बाधित होने की संभावना दिखती है। शनिवार को बकुची स्थित पावर ग्रिड में पानी घुस गया। कर्मियों का कहना है कि अगर जलस्तर में वृद्धि जारी रही तो आपूर्ति बंद करना पड़ेगा। बाढ़ में पानी से घिरे लोगों के लिए यह आफत से कम नहीं है। टापू में परिणत माधोपुर, बसंत, अंदामा आदि के ग्रामीणों ने त्राहिमाम संदेश भेजा है। जलस्तर घटने के कारण कई जगहों से नाव परिचालन हटा लिया गया था जो अभी बहाल नहीं हुआ है। कई मार्ग बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए जिनकी मरम्मत नहीं हो पाई है। इससे यातायात बाधित है।
औराई के एक दर्जन गांवों में घुसा पानी
बागमती नदी के जलग्रहण क्षेत्र में तीन दिनों से हो रही बारिश से जलस्तर में वृद्धि जारी है। इससे बागमती परियोजना उत्तरी और दक्षिणी बांध के बीच एक दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इन लोगों को आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जलस्तर मे वृद्धि होने से मधुवनप्रताप, पटोरी टोला, बारा बुजुर्ग, बारा खुर्द ,बभनगामा पश्चिमी ,हरनी टोला, चैनपुर, राघोपुर, तरबन्ना,चहुंटा दक्षिण टोला समेत एक दर्जन गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इधर, लगातार हो रही बारिश के कारण मनुषमारा व लखनदेई नदी के जलस्तर में भी वृद्धि जारी है। इससे औराई उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में बाढ़ का पानी फैलना शुरू हो गया है।