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बीआरए बिहार विश्‍वविद्यालय में नामांकन में हुई धांधली से छात्रों का भविष्य दांव पर Muzaffarpur News

स्नातक पार्ट वन के नामांकन में फर्जीवाड़ा खामियाजा भुगतेंगे छात्र। सीधे नामांकन लेने वाले परीक्षा से हो सकते वंचित।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 02:31 PM (IST)Updated: Wed, 30 Oct 2019 02:31 PM (IST)
बीआरए बिहार विश्‍वविद्यालय में नामांकन में हुई धांधली से छात्रों का भविष्य दांव पर Muzaffarpur News
बीआरए बिहार विश्‍वविद्यालय में नामांकन में हुई धांधली से छात्रों का भविष्य दांव पर Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। स्नातक पार्ट वन में नामांकन बीता नहीं कि उसमें गड़बड़झाला भी सामने आने लगा है। नामांकन में बड़े पैमाने पर मनमानी की शिकायतें आ रही हैं। संबद्ध कॉलेजों से ऐसे सर्वाधिक मामले हैं। नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन की अनिवार्यता के बावजूद कॉलेजों ने मनमाने ढंग से नामांकन लिया गया है। ऑनलाइन आवेदन की फीस भी कॉलेजों ने रख ली। कुछ कॉलेजों में नामांकन अब भी जारी है। अब इसका खामियाजा उन छात्र-छात्राओं को भुगतना होगा।

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 नामांकन तो उन्होंने ले लिया, अब आगे उनको परीक्षा से रोका जा सकता है। बिना ऑनलाइन आवेदन के नामांकन छात्रों को कटऑफ फॉर्मूले से बचाने के लिए ले लिया गया। छात्रों ने भी नामांकन होता देख शार्टकट रास्ता अपना लिया। हालांकि, ऑनलाइन आवेदन की फीस में उन्हें कोई राहत भी नहीं मिल पाई। वैसे छात्र-छात्राओं से नामांकन के लिए मनमानी फीस भी ली गई। इस प्रकार हर तरह से कॉलेज प्रबंधन ही फायदे में रहा। 

क्रॉस चेकिंग में सामने आई मनमानी

ऑनलाइन एडमिशन इंचार्ज भरत भूषण का कहना है कि नामांकित छात्रों की डाटा क्रॉस चेकिंग में यह मामला पकड़ में आया है। एक तरह से यह फर्जीवाड़ा ही है। जिसने ऑनलाइन आवेदन नहीं किया उनका नामांकन लेने की सूचना पर सत्यापन में अमूमन हर कॉलेज में यह बात सामने आई है। बड़े नाम वाले कॉलेज भी इसमें शामिल हैं। हर विषय में यहां भी कुछ न कुछ नामांकन बिना ऑनलाइन आवेदन वालों का भी हुआ है। संबद्ध कॉलेजों ने तो काफी हद तक मनमानी की है। प्राचार्यों की दलील है कि कुछ राजनीतिक व सामाजिक दबाव रहा तो कुछ केस में व्यक्तिगत दिलचस्पी भी रही।

नामांकितों की सूची नहीं दे रहे कॉलेज

इस शिकायत के बाद कॉलेजों से नामांकित छात्रों की सूची की मांग होने लगी है। अमूमन सभी कॉलेज आनाकानी कर रहे हैं। एडमिशन इंचार्ज का कहना है कि यूनिवर्सिटी में मैन्युअली एक-एक विद्यार्थी का सत्यापन किया जाएगा। अगर कोई पाया गया कि बिना ऑनलाइन आवेदन के ही नामांकन ले लिया हो तो उसका नामांकन रद किया जा सकता है। छठ पूजा की समाप्ति के साथ ही नामांकन रद करने का प्रस्ताव कुलपति को भेज दिया जाएगा। ताकि, समय रहते उन छात्रों के बारे में कोई न कोई फैसला ले लिया जाएगा।

 नामांकन लेने भर से काम नहीं चलने वाला। परीक्षा होगी तो वैसे छात्रों को एडमिट कार्ड ही जारी नहीं किया जाएगा। फॉर्म भरने वाले छात्रों को अपने फॉर्म पर ऑनलाइन आवेदन की संख्या भी अंकित करनी होगी। जिनका मिसिंग रहेगा उनको एडमिट कार्ड जारी ही नहीं हो सकता। प्रत्येक कॉलेज को यह सूचना दी जाएगी। उन्हें बता दिया जाएगा कि किसी छात्र की परीक्षा इस कारण रुकती है तो इसकी जवाबदेही उनकी होगी यूनिवर्सिटी की नहीं। 


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