Muzaffarpur: पूर्व मंत्री स्व.रघुनाथ पांडेय के पुत्र अमर पांडेय और प्रमुख व्यवसायी मोतीलाल छापरिया गरीबी रेखा से नीचे!
शहर के अधिकांश वार्डों में अमीरों के नाम आयुष्मान भारत योजना के लाभुकों की सूची में शामिल। सूची से वास्तविक हकदारों के नाम गायब महापौर ने कहा- सूची तैयार करने में बरती गई है अनियमितता। लाभुकों की सूची में शामिल है डॉक्टर इंजीनियर प्रोफेसर व जनप्रतिनिधि।
मुजफ्फरपुर, जासं। शहर के पूर्व मंत्री स्वर्गीय रघुनाथ पांडेय के पुत्र अमर पांडेय, नॉर्थ बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष मोतीलाल छापरिया, शहर के बड़े व्यवसायी देवीलाल, वेद प्रकाश अग्रवाल आदि गरीबी रेखा के नीचे हैं। यह हम नहीं, सरकारी आंकड़े बता रहे। दरअसल, वर्ष 2011 की जनगणना में गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारों के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना संचालित है। योजना के तहत प्रति परिवार सालाना पांच लाख रुपये के इलाज की सुविधा दी जाती है। गरीबों के लिए बनी इस योजना के नाम पर शहरी अमीर मुफ्त इलाज कराएंगे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा योजना के तहत लाभुकों की जो सूची वार्ड पार्षदों को दी गई है उसमें योजना के वास्तविक हकदारों के नाम गायब हैं। लेकिन शहर के अमीरों एवं संपन्न परिवार सूची में शामिल हैं। लाभुकों में डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर, बड़े व्यवसायी व जनप्रतिनिधियों के भी नाम हैं।
सैकड़ों संपन्न लोग योजना के लाभुकों की सूची में
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का कार्ड बनाने के लिए जारी सूची में शहर के पूर्व मंत्री स्वर्गीय रघुनाथ पांडेय के पुत्र अमर पांडेय, नॉर्थ बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष मोतीलाल छापरिया, शहर के बड़े व्यवसायी देवीलाल, वेद प्रकाश अग्रवाल, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रो. लालमोहन मोहन सिंह, वरीय चिकित्सक डॉ. विभा वर्मा, डॉ. नवल किशोर प्रसाद सिंह, एमआइटी के प्राध्यापक डॉ. प्रकाश कुमार, डॉ. बीके सहाय के नाम हैं। सरकारी आंकड़े में सभी गरीबी रेखा से नीचे हैं। पूरे शहर में एक या दो दर्जन नहीं सैकड़ों संपन्न लोग योजना के लाभुकों की सूची में शामिल हैं। ये गोल्डन कार्ड बनवाकर पांच लाख तक का इलाज मुफ्त में करा सकते हैं।
वोट बैंक के कारण पार्षद नहीं ले रहे नाम
अधिकांश वार्ड में लाभुकों की सूची में वार्ड के संपन्न लोगों के नाम हैं, लेकिन वोट बैक होने के कारण पार्षद बड़े नामों को सार्वजनिक करने से बच रहे हैं। असली हकदारों के नाम शामिल नहीं किए जाने पर नाराजगी जरूर जता रहे हैं। महापौर सुरेश कुमार ने कहा कि जनगणना के दौरान बरती गई अनियमितता के कारण शहर के सैकड़ों अमीरों के नाम गरीबी रेखा से नीचे दर्ज है। जिसके कारण आयुष्मान भारत योजना के लाभुकों में संपन्न लोग शामिल हैं। इस योजना के असली हकदारों के नाम सूची से गायब हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।