... जीवन की खातिर गांव में ही रहकर खुद की तकदीर संवारने का संकल्प, दरभंगा में तीसरी लहर का साइड इफेक्ट्स
Darbhanga news कोरोना की तीसरी लहर में तेजी से फैल रहे संक्रमण को देखते हुए घर वापस लौटने लगे परदेशी पिछली लहर में वापस लौटे लोगों ने भी बनाया मन- नहीं जाएंगे परदेश घर पर ही करेंगे काम।
दरभंगा, जासं। कोरोना की तीसरी लहर ने एक बार फिर रोजी-रोटी में दूसरे राज्यों में काम करनेवाले लोगों को घर लौटने पर मजबूर कर दिया है। प्रवासी कामगार अब अपनी कंपनी से वर्क फ्राम होम का आदेश लेकर घर वापस हो रहे हैं। वहीं जिन लोगों को यह विकल्प नहीं मिल रहा है, वो नौकरी छोड़कर घर लौट रहे हैं। परदेशी कोरोना की तीसरी लहर को देख दूसरे शहर नहीं लौटने की बात कर रहे। नौजवान गांव में ही रोजगार करने का संकल्प ले रहे हैं। पढ़े-लिखे लोग कहते हैं- अब बच्चों को पढ़ाकर समय गुजार लेंगे। वहीं मजदूर वर्ग के लोग गांव में ही रोजगार की बात कर रहे हैं।
प्रखंड के त्रिमुहानी गांव में दिल्ली एवं मुंबई से काम छोड़कर लौटे अनुराग यादव, चितनारायण यादव, मोहन यादव, सोनू सहनी, बटोही सहनी कहते हैं- दिल्ली व मुंबई में निजी कंपनी में काम करते थे। कोरोना के कहर को बढ़ता देख शहर से गांव आ गए। डर था कि लाकडाउन लग गया तो घर जाने में परेशानी होगी, सो इस बार पहले घर चले आए। गांव में सुख शांति हैं, वह परदेश में कहां। अब समाज के लोगों के साथ बैठकर आपसी सुख दुख को साझा करेंगे।
मुंबई से लौटे देवना के उचित यादव ने कहा- पढ़-लिखकर बेहतर रोजगार के लिए शहर जाते हैं। हम भी गए, वहां गए और जान पर बन आई तो लौट आए। राजेश सहनी का कहना था - गांव लौटे हैं। अब शारीरिक दूरी का पालन करने और हाथ को नियमित रूप से साफ सफाई करने व घर में ही रहने की बात भी कह रहे हैं।
दिल्ली से आए बारानाथ मुशहरी निवासी सूरत सदा व अनुठी सदा का कहना था कि अब वे लोग एक साल तक शहर में मजदूरी करने के लिए नहीं जाएंगे। बैंक से त्रृण लेकर गांव में ही छोटी दुकान कर लेंगे। इसे बढ़ाएंगे। अपने साथ-साथ दूसरे लोगों के लिए भी रोजगार का सृजन करेंगे।