बिहार विवि की लंबित परीक्षाएं आयोजित कराने को राजभवन से अनुरोध Muzaffarpur News
वर्ष 2016 से यूजी व पीजी समेत अनेक वोकेशनल कोर्स की परीक्षाएं लंबित पड़ीं हैं। 25 हजार छात्रों के भविष्य को लेकर विवि के प्रभारी वीसी गंभीर।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से सम्बद्ध दूरस्थ शिक्षा निदेशालय (डीडीई) ने वर्ष 2016 से लंबित परीक्षाएं कराने को राजभवन से अनुमति मांगी है। इस संबंध में प्रभारी कुलपति डॉ. आर.के. मंडल प्रयासरत हैं। परीक्षाएं नहीं होने से 25 हजार छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।
यहां फंसा पेच
दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के तत्कालीन पदाधिकारियों की लापरवाही से बगैर राजभवन की अनुमति के विभिन्न प्रकार के परंपरागत व वोकेशनल कोर्स चालू कर दिया। यह सिलसिला तीन साल तक चला। इसी दौरान छात्रों की ही शिकायत पर एम फिल के डिस्टेंस मोड पर कोर्स संचालन व परीक्षा को राजभवन ने अवैध करार दिया। इसके बाद राजभवन ने यहां के सभी कोर्स को बंद करने का निर्देश दे दिया। इस तरह 25 हजार छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया। जिसमें 1500 ऐसे बीएड के छात्र भी हैं, जो किसी सरकारी या निजी स्कूल के शिक्षक भी हैं। बी.एड की परीक्षा नहीं होने से डिग्री नहीं मिली। परीक्षा कराए जाने की राजभवन से अनुमति को लेकर ऐसे छात्र हाईकोर्ट में वाद भी दाखिल किए हैं, जो विचाराधीन है।
चल रही कवायद
डीडीई द्वारा लंबित परीक्षाओं कराने के लिए राजभवन से अनुमति मांगी है। यह अनुरोध किया है कि वर्ष 2016 से लंबित परीक्षाओं से 25 हजार छात्र छात्राओं का भविष्य अधर में लटका हुआ है। अब नई परीक्षाएं राजभवन से अनुमति लेकर ही की जाएंगी। छात्र हित में आवश्यक निर्देश जारी करें। इस मामले में विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति डॉ. आरके मंडल भी राजभवन से संपर्क में हैं। उनसे परीक्षा नहीं होने से स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया है। इस बारे में डीडीई के निदेशक डॉ सतीश कुमार राय ने कहा कि यूजीसी से हमें तीन कोर्स शुरू करने की अनुमति मिल चुकी है। नौ कोर्स पर यूजीसी की पूछताछ का जवाब भेजा जा रहा है। उम्मीद है कि जल्दी ही लंबित परीक्षाओं के संचालन की भी अनुमति मिल जाएगी।