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भारतीय राग और चिंतन के कवि थे दिनकर

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर शाश्वत मूल्य बोध और राष्ट्रीय चेतना के बड़े कवि थे। हम केवल उनके सुदृढ़ विचारों को ही नहीं बल्कि विराट मानवीय मूल्यों को भी जान-समझ सकते हैं। ओज पराक्रम शौर्य साहस के साथ आग और राग उनकी रचनाओं में सन्निहित हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 09:57 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 09:57 PM (IST)
भारतीय राग और चिंतन के कवि थे दिनकर
भारतीय राग और चिंतन के कवि थे दिनकर

मुजफ्फरपुर। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर शाश्वत मूल्य बोध और राष्ट्रीय चेतना के बड़े कवि थे। हम केवल उनके सुदृढ़ विचारों को ही नहीं बल्कि विराट मानवीय मूल्यों को भी जान-समझ सकते हैं। ओज, पराक्रम, शौर्य, साहस के साथ आग और राग उनकी रचनाओं में सन्निहित हैं। उन्होंने युद्ध और शाति के साथ काम व अध्यात्म पर भी काव्य कृतिया प्रस्तुत की। रश्मिरथी, कुरुक्षेत्र व उर्वशी महाकाव्य चíचत और अपने स्थायी भाव बोध के लिए ऐतिहासिक हैं। उक्त बातें आमगोला स्थित शुभानंदी परिसर में विषय प्रवर्तन करते हुए डॉ.संजय पंकज ने कहीं। हिंदी और अंग्रेजी के कवि डॉ. देवव्रत अकेला ने कहा कि रामधारी सिंह दिनकर में भारतीय मूल्य के साथ ही प्रगतिशील चेतना भी है। डॉ. रामेश्वर द्विवेदी, डॉ. कुमारी अनु, प्रवीण कुमार मिश्र, श्यामल श्रीवास्तव, ललन कुमार, रामेश्वर द्विवेदी व संजय पंकज आदि ने काव्य पाठ किया। कवियों का स्वागत मिशन भारती रिसर्च इंफॉर्मेशन सेंटर तथा बिहार गुरु के अध्यक्ष अविनाश तिरंगा ने किया। मौके पर राम इकबाल सिंह, राकेश स्मृति समिति के सचिव ब्रजभूषण शर्मा, नवसंचेतन के सचिव प्रमोद आजाद, अनुराग आनंद, चैतन्य चेतन, मुकेश त्रिपाठी आदि थे।

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एलएस कॉलेज में याद किए गए दिनकर : राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर एलएस कॉलेज में कार्यक्रम हुआ। कॉलेज स्थित दिनकर पार्क में बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पाडेय, प्राचार्य डॉ. ओम प्रकाश राय, शिक्षकों व कर्मचारियों ने उनकेचित्र पर माल्यार्पण किया। कुलपति ने कहा कि दिनकर की रचनाओं में भारतीय संस्कृति की यथार्थ तस्वीर दिखती है। उनकी कविता में राष्ट्रप्रेम, शोषित जनता की पीड़ा व मानवता के प्रति समर्पण का भाव झलकता है। प्राचार्य ने कहा कि दिनकर प्रगतिवादी व मानववादी कवि के रूप में स्थापित हैं। उन्होंने 1950 में एलएस कॉलेज में स्नातकोत्तर हिंदी विभाग में अध्यक्ष के रूप में योगदान दिया था। उनके जीवन से शिक्षकों एवं छात्रों को प्रेरणा लेने की जरूरत है। डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला, डॉ. संजय पंकज आदि ने भी अपने विचार रखे। इसके बाद प्राचार्य कक्ष में काव्य गोष्ठी हुई। दिनकर के कविता संग्रह रेणुका, हुंकार, रसवंती, कुरुक्षेत्र, सामधेनी की कविताओं का पाठ किया गया। काव्य पाठ करने वालों में प्राचार्य डॉ. ओपी राय, डॉ. वीरेंद्र कुमार सिंह, डॉ. संजय पंकज, प्रो. राजेश्वर कुमार, डॉ. शैलेंद्र कुमार, डॉ. पंकज चौरसिया, डॉ. उमेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. विकास कुमार, डॉ. पुष्पा कुमारी, डॉ. संजय कुमार व डॉ. ललित किशोर थे।

आरडीएस कॉलेज में पौधारोपाण : राष्ट्रकवि दिनकर की जयंती पर रामदयालु सिंह महाविद्यालय में पौधारोपण किया गया। बिहार छात्र संघ की नेत्री व जिला मंत्री मौष्मी श्रीवास्तव ने परिसर में कई पौधे लगाए। पेड़ लगाओ कार्यक्रम में उनको महिला मोर्चा प्रदेश प्रभारी के तौर पर आमंत्रित किया गया था।


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