भारत में कोरोना की बढ़ती रफ्तार को देखकर नेपाल ने लगाई सख्ती, आवाजाही पर लगी पाबंदी
24 मार्च 2020 से हीं कोरोना को ले अधिकृत भारत- नेपाल बॉर्डर पर रोक ग्रामीण रास्तों पर भी आवाजाही पर लगी पाबंदी ग्रामीण रास्तों पर भी बैरिकेडिंग लगाकर बंद कर दिया। किसी को भी एक दूसरे देश में आवाजाही करने की अनुमति नहीं मिल रही है।
पश्चिम चंपारण, जासं। कोरोना को लेकर नेपाल में लगे आंशिक लॉकडाउन एवं भारत में बढ़ते संक्रमण को लेकर गुरुवार को नेपाली आम्र्ड फोर्स ने काफी सख्ती दिखाई। भारत- नेपाल बॉर्डर के ग्रामीण रास्तों से आवाजाही करने वाले दोनों देश के लोगों को खदेड़ा। ग्रामीण रास्तों पर भी बैरिकेङ्क्षडग लगाकर बंद कर दिया। किसी को भी एक - दूसरे देश में आवाजाही करने की अनुमति नहीं मिल रही है।
वैसे तो अधिकृत सिकटा- भिस्वा बॉर्डर बीते 24 मार्च 2020 से ही सील है। नेपाल सीमा क्षेत्र के देशावता, जानकी टोला, पांडेपुर, भिखमपुर आदि गांव से होकर इनरवा बाजार में आने वाले रास्ते को एपीएफ ने बैरियर लगाकर सील कर दिया। साथ ही अब ग्रामीण रास्तों पर भी जवान गश्त लगा रहे हैं। शस्त्र प्रहरी बेसकैंंप भिखमपुर नेपाल के इंस्पेक्टर किशमांद तमांद ने बताया कि कोरोना की चेन को तोडऩे के लिए सख्ती की गई है। आवाजाही पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जा रही है। ग्रामीण रास्तों आवाजाही हो रही थी, इसको रोकने के लिए नियमित रूप से जवान गश्त लगा रहे हैं। वहीं भारतीय क्षेत्र में एसएसबी इनरवा कैंप के इंस्पेक्टर दिवाकर कुमार ने बताया कि भारतीय क्षेत्र में पहले से सख्ती है। सीमा की सुरक्षा को लेकर एसएसबी के जवान दिन- रात गश्त लगाते हैं। बहरहाल, नेपाल की सख्ती के बाद गुलजार रहने वाले ग्रामीण रास्तों पर सन्नाटा पसर गया है। सीमावर्ती इनरवा बाजार में वीरानगी छाई है।
इंडो-नेपाल बॉर्डर पर संयुक्त गश्त
इंडो-नेपाल बॉर्डर क्षेत्र में तस्करी रोकने को लेकर एसएसबी और नेपाल की एपीएफ सक्रिय हो गई है। इसको लेकर संयुक्त रूप से पेट्रोङ्क्षलग की जा रही है। इसके अतिरिक्त सभी रास्तों पर निगरानी तेज कर दी गई है । बताते चलें कि कोरोना को वाल्मीकिनगर इंडो- नेपाल बॉर्डर गंडक बराज सीमा सील है। लेकिन खुली सीमा होने की वजह से चोरी छिपे लोग गंडक नदी के रास्ते नाव से आवाजाही कर रहे हैं। उन पर लगाम लगाने के लिए एसएसबी लगातार सक्रिय है।