Raksha Bandhan 2020: बहना नहीं आएगी, इस बार सूनी रह जाएगी भाई की कलाई
Raksha Bandhan 2020 भारत-नेपाल के बीच तनाव व कोरोना के कारण सीमा सील होने का असर रक्षाबंधन पर होगा। नहीं मिल सकेंगे भाई-बहन नेपाल की बहुत सी लड़कियां ब्याही गई हैं मधुबनी।
मधुबनी [राजीव रंजन झा]। Raksha Bandhan 2020: नेपाल के साथ रोटी-बेटी का संबंध। मधुबनी के बहुत से परिवारों की रिश्तेदारी नेपाल में है। वहीं, वहां की बेटियों से यहां के घर-आंगन गुलजार हैं। हर साल रक्षाबंधन के मौके पर भाई-बहन भारत व नेपाल आते-जाते रहे हैं। लेकिन, ऐसा पहली बार होगा जब वे सीमा नहीं पार कर पाएंगे। भारत-नेपाल के बीच तनाव और कोरोना के कारण सीमा का सील होना इसकी मुख्य वजह है।
नेपाल सीमा पर बसे मधुबनी के अधिकतर लोग बेटे-बेटियों की शादी नेपाल में करते हैं। केवल मधुबनी शहर में ही एक हजार से अधिक परिवारों की रिश्तेदारी वहां है। इसके अलावा जिले के सीमावर्ती प्रखंडों जयनगर, मधवापुर, हरलाखी, लौकही के गांव-गांव में बेटे-बेटियों की शादी नेपाल में हुई है। पूरे जिले की बात करें तो भारत-नेपाल के वैवाहिक संबंधों की संख्या 25-30 हजार है। नेपाल के मारर गांव में तो घर-घर भारत की बेटियां ब्याही गई हैं।
एक दिन सीमा खोलने की हो व्यवस्था
नेपाल के विराटनगर निवासी विनोद राय ने फोन पर बताया कि उनकी बहन मधुबनी में रहती है, लेकिन सीमा सील होने के कारण इस बार राखी बंधवाने नहीं आ सकते। इस पर्व पर दोनों देश की सरकारों को कम से कम एक दिन के लिए सीमा खोल देनी चाहिए। मधुबनी शहर के तिरहुत कॉलोनी निवासी नीतीश सिंह ने बताया कि उनकी बहन काठमांडू में रहती है। पहली बार ऐसा होगा, जब वे राखी बंधवाने नहीं जा रहे। मधुबनी शहर में रहने वाली नेपाल की ज्योत्सना चौधरी भी निराश हैं। उनके भाई नेपाल में दवा व्यवसाय करते हैं। कहती हैं कि हर साल राखी पर उनसे भेंट होती थी, लेकिन इस बार इसके आसार नहीं हैं। जयनगर की स्मिता कहती हैं कि मायका नेपाल में है। सोचा था कि इस बार राखी वहीं मनाऊंगी, लेकिन ऐसा संभव नहीं लग रहा।
लॉकडाउन के कारण नहीं सजे राखी बाजार
सामान्य दिनों में रक्षाबंधन का त्योहार आते ही सीमावर्ती गांवों में बाजार राखियों से गुलजार हो जाते थे। नेपाल से भी राखी खरीदने बहनें आती थीं। इस बार कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन ने बाजार को बंद कर रखा है। नेपाल में भी यही स्थिति है।