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East Champaran: दवा के साथ कोविड वैक्सीन पर था पूर्ण विश्वास, होम आइसोलेशन में गाइडलाइन का किया पालन : रजनीश

केयर इंडिया के ब्लॉक मैनेजर रजनीश पांडेय ने 10 दिनों में दी कोरोना को मात कहा- होम आइसोलेशन में अकेला रहते हुए नियमों एवं निर्देशों का किया पालनउन्होंने कहा कि अपनी दैनिक जिम्मेदारियां निभाते हुए कब संक्रमित हुआ पता ही नहीं चला।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 08:33 AM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 08:33 AM (IST)
East Champaran: दवा के साथ कोविड वैक्सीन पर था पूर्ण विश्वास, होम आइसोलेशन में गाइडलाइन का किया पालन : रजनीश
कोरोना संक्रमण से बचाव के ल‍िए करें गाइडलाइन का पालन। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पूर्वी चंपारण, जासं। मुझे अपने आप पर पूरा यकीन था कि मैं जल्द ही कोरोना वायरस से लड़ाई जीतूंगा औऱ कोरोना हारेगा। क्योंकि मुझे अपने आत्मबल पर पूरा भरोसा था। सकारात्मक सोच के साथ सही दिशा में किए गए कार्य से कोरोना को भी हराया जा सकता है। उक्त विचार केयर इंडिया के मोतिहारी सदर ब्लॉक के मैनेजर रजनीश पांडेय के हैं। उन्होंने कहा कि अपनी दैनिक जिम्मेदारियां निभाते हुए कब संक्रमित हुआ पता ही नहीं चला। होम आइसोलेशन में उन्हें कुछ खास समस्या नहीं हुई।

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विगत 06 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव हुए थे। उसके पहले 04 अप्रैल से ही हल्का बुखार हुआ। फिर 06 अप्रैल को अन्य लक्षणों के साथ बुखार बढऩे लगा। तब जाकर उन्होंने कोविड की जांच कराई, जिसमें वे संक्रमित पाए गए। उसके बाद उन्होंने कार्यालय को सूचना दी औऱ होम आइसोलेट हो गए। रजनीश ने कहा कि उन्होंने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ आरके वर्मा के निर्देश के अनुसार दवा लेना शुरू किया। होम आइसोलेशन में कुछ खास समस्या नहीं हुई। जरूरत के सारे सामान उनके सहयोगी पहुंचा देते थे। चूंकि वे मोतिहारी में अकेला रहते हैं, इसलिए खाना भी खुद ही बनाते थे। उनका कमरा भी बिल्कुल अलग था। अत: कोई भी उनके संपर्क में नहीं आया। होम आइसोलेट होने व किसी भी रिश्तेदार के साथ न होने से डर भी लगता था। कहते हैं कि कभी-कभी मन भी घबरा जाता था।

फ‍िर भी उन्होंने अपने परिवार को संक्रमित होने की खबर तब तक नहीं दी। मगर 10 दिनों के आइसोलेशन के बाद रजनीश ने आखिरकार कोरोना को मात दे ही दी और जांच में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई। निगेटिव होने के बाद परिवार वालों के साथ अपने कार्यालय को भी बताया। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन में समय सारणी बना रखी थी। उसी के अनुसार अपने कार्य करते थे। सुबह उठ गर्म पानी से गरारे करने के बाद गर्म पानी ही पीते थे। नास्ता कर सभी दवाओं का सेवन करते थे। इस प्रकार कुछ दवाइयों का सेवन, योग एवं ध्यान के साथ सकारात्मक सोच की बदौलत उन्होंने 10 दिनों में ही कोरोना को मात दे दी। वे वैक्सीन की दोनों डोज भी ले चुके थे। वैक्सीन के प्रभाव पर भी उन्हें पूरा भरोसा था। रजनीश ने कोरोना से संक्रमित लोगों के लिए कहा है कि वे घबराएं नहीं। पूरे आत्मविश्वास के साथ चिकित्सक द्वारा अनुशंसित दवाओं का सेवन करें। कोरोना को हारना ही पड़ेगा।


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