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दरभंगा संस्कृत विवि में वीसी की कार्यशैली जांचने पहुंची राजभवन की तीन सदस्यीय टीम Darbhanga News

कुलपति के खिलाफ प्राप्त शिकायतों व आरोपों पर राजभवन ने 13 नवंबर को बनाई थी तीन सदस्यीय जांच कमेटी। जांच कमेटी में राजभवन के दो व शिक्षा विभाग के एक अधिकारी शामिल।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 02:19 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 02:19 PM (IST)
दरभंगा संस्कृत विवि में वीसी की कार्यशैली जांचने पहुंची राजभवन की तीन सदस्यीय टीम Darbhanga News
दरभंगा संस्कृत विवि में वीसी की कार्यशैली जांचने पहुंची राजभवन की तीन सदस्यीय टीम Darbhanga News

दरभंगा, जेएनएन। कामेश्वर सिंह  दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय  में  कुलपति  प्रो. सर्व नारायण झा के कार्यशैली की जांच करने  शुक्रवार को  राजभावन की तीन सदस्यीय टीम  दरभंगा पहुंची है। जांच टीम में राजभवन के एडिशनल सेक्रेटरी विजय कुमार, राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी सतीश चन्द्र झा व राजभवन के विधि पदाधिकारी आरवीएस परमार शामिल हैं। विवि मुख्यालय  स्थित  गेस्ट हाउस में  टीम  ने  जांच शुरू कर दी है।  इस क्रम में  जांच टीम  प्रोवीसी  प्रो. चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह  से विभिन्न मामलों  पर  उनका पक्ष  जानने में जुटी है। जांच टीम  विवि के  रजिस्ट्रार  कर्नल नवीन कुमार  से भी  पूछताछ करेगी। बता दें  कि  कुलपति के खिलाफ  विभिन्न शिकायतों  पर  संज्ञान लेते हुए  राजभवन ने  पूरे मामले की जांच के लिए  इस  जांच टीम  का गठन 13 नवंबर को किया था। जांच टीम के दरभंगा पहुंचने पर  विवि महकमे में  खलबली मची हुई है।

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 बता दें कि कुलपति के खिलाफ प्राप्त शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए राजभवन ने उनकी कार्यशैली की जांच के लिए जिस तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन 13 नवंबर को किया था, वह जांच कमेटी गुरुवार को किसी भी समय संस्कृत विश्वविद्यालय पहुंच सकती है। इस तीन सदस्यीय जांच कमेटी में राजभवन के एडिशनल सेक्रेटरी विजय कुमार, राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी एससी झा एवं राजभवन के लॉ ऑफिसर आरवीएस परमार शामिल हैं। राज्यपाल के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ब्रजेश मेहरोत्रा ने जांच कमेटी की अधिसूचना जारी की थी।

 हालांकि, जांच कमेटी गठन के बाद राज्यपाल फागू चौहान व उनके चीफ सेक्रेटरी ब्रजेश मेहरोत्रा 28 नवंबर को विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षा समारोह में भाग लेने पहुंचे थे। जांच कमेटी को तीन सप्ताह में ही अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन बीच में दीक्षा समारोह के आयोजन व राज्यपाल के आगमन की स्वीकृति के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि कमेटी दीक्षा समारोह के बाद ही जांच करने विश्वविद्यालय पहुंचेगी। हुआ भी ऐसा ही।

 राजभवन सूत्रों के अनुसार जांच कमेटी गुरुवार को दिन में किसी भी समय यहां पहुंच सकती है। सूत्रों की मानें तो कमेटी रात्रि विश्राम भी दरभंगा में ही कर सकती है। यानी की, दूसरे दिन भी जांच की प्रक्रिया चल सकती है। इधर, कमेटी के आगमन की सूचना मिलते ही यह बात विश्वविद्यालय महकमे में जंगल की आग की तरह फैल चुकी है और विश्वविद्यालय के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। वीसी समर्थक गुट जहां कमेटी के आगमन से परेशान है, वहीं वीसी विरोधी गुट कमेटी की जांच व रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। विश्वविद्यालय में आधिकारिक तौर पर कोई अधिकारी या कर्मी कुछ कहने को तैयार नहीं। लेकिन, कुछ भी असामान्य होने पर चर्चाएं तेज हो रही है। 

करीब डेढ़ दर्जन बिंदूओं पर कमेटी करेगी पड़ताल 

जांच कमेटी करीब डेढ़ दर्जन ङ्क्षबदुओं पर फोकस करेगी। सूत्रों का कहना है कि जांच कमेटी फंड डाइवर्शन, अवैध तरीके से प्रोन्नति, अवैध भुगतान, पटना के डाटा सेंटर को गलत ढ़ंग से भुगतान, संबद्ध कॉलेजों में नियुक्ति को लेकर रोस्टर का क्लीयर नहीं होना, मनमाने ढ़ंग से संबद्ध कॉलेजों में विश्वविद्यालय प्रतिनिधि (यूआर) का चयन समेत विभिन्न शिकायतों से संबंधित करीब डेढ़ दर्जन ङ्क्षबदुओं पर जानकारी लेगी। जानकारी के अनुसार, विधान पार्षद अर्जुन सहनी ने कुल बारह ङ्क्षबदुओं के साथ राजभवन में कुलपति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।

 इससे पहले विवि के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष बलरामजी झा भी राजभवन जाकर कुलपति की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठा चुके हैं। एन अन्य छात्र पंकज कुमार भी कुलपति के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुके हैं। ऐसे में कुलपति की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।  

 सूत्रों का कहना है कि जांच टीम के साथ दरभंगा के डीईओ डॉ. महेश प्रसाद ङ्क्षसह भी रह सकते हैं। इसके अलावा कई शिष्टमंडल भी जांच कमेटी के आगमन के इंतजार में हैं, ताकि वे अपनी बात कमेटी के समक्ष रख सकें। बता दें कि इससे पूर्व भी मार्च माह में राजभवन से विशेष पदाधिकारी जानकाली लेने विवि मुख्यालय पहुंचे थे और यहां से कई दस्तावेज अपने साथ लेकर गए थे।


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