BRA Bihar University : राजभवन के निर्देशों पर अमल नहीं, इस विश्वविद्यालय में ऑनलाइन स्टडी के नाम पर हो रही महज खानापूरी
BRA Bihar University कोरोना संक्रमण काल में कॉलेजों विश्वविद्यालय में ठप पड़ी कक्षाओं को देखते राजभवन ने ऑनलाइन स्टडी को लेकर कई दिश-निर्देश जारी किए।
मुजफ्फरपुर, [अंकित कुमार]। कोरोना का संक्रमण बढऩे के बाद विश्वविद्यालय और कॉलेजों को ऑनलाइन स्टडी पर फोकस करने को कहा गया। लेकिन, बीआरए बिहार विवि की वेबसाइट पर जो स्टडी मैटेरियल अपलोड किया गया उससे स्पष्ट हो गया कि ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर यहां महज खानापूरी की जा रही है।
कार्यशैली पर सवाल उठ रहे
कई विषयों में पाठ्य पुस्तक का फोटो खींंचकर अपलोड भर कर दिया गया तो कई की पीडीएफ में इतनी अशुद्धियां कि शिक्षक की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे। लेकिन, राजभवन को प्रत्येक सप्ताह भेजी जा रही ऑनलाइन स्टडी की रिपोर्ट में बताया जा रहा कि शिक्षक बेहतर कर रहे हैं। जबकि कई विषयों के तो एक भी स्टडी मैटेरियल अपलोड नहीं है। ऐसे में ऑनलाइन स्टडी पर निर्भर रहना विद्यार्थियों को भारी पड़ रहा है।
राजभवन ने दिया था आदेश, सिर्फ पीडीएफ से नहीं चलेगा काम
राजभवन की ओर से आदेश दिया गया था कि विश्वविद्यालय समेत सभी कॉलेजों में नए सत्र से सभी विषयों में प्रत्येक अध्याय की ऑनलाइन पढ़ाई करानी होगी। सिर्फ वाट्सएप पर पीडीएफ फाइल भेजे देने भर से काम नहीं चलेगा। प्राध्यापकों को लाइव ऑनलाइन क्लास लेनी अनिवार्य कर दिया गया। लेकिन इसका भी कोई असर नहीं हुआ। विवि और सभी कॉलेजों को ऑनलाइन कक्षाओं का एक शेड्यूल तैयार कर इसे अपने संस्थान के वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा गया था। इसे कुछ कॉलेजों ने ही फॉलो किया।
गुणवत्तापूर्ण ऑनलाइन शिक्षा पर विचार
राजभवन ने कहा था कि संस्थान सिर्फ कोरम पूरा नहीं करें। स्टडी मैटेरियल वस्तुनिष्ठ हो और वह आसानी से विद्यार्थियों की समझ में आए, इसके लिए विशेषज्ञों के साथ बैठक करें। ऑनलाइन स्टडी की रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह राजभवन को भेजनी है। कहा गया है कि मानक के अनुरूप स्टडी मैटेरियल और कंटेंट नहीं होने पर संबंधित कॉलेजों के खिलाफ राजभवन कड़ा रवैया अपनाएगा।
ऑनलाइन पढ़ाई के लिए शिक्षक मांग रहे प्रशिक्षण
ऑनलाइन पढ़ाई पटरी पर नहीं आ रही, इसका प्रमुख कारण यह भी है कि कॉलेजों और विवि के शिक्षक तकनीकी रूप से दक्ष नहीं हैं। शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई के लिए उन्हेंं कार्यशाला या अन्य माध्यम से प्रशिक्षण मिले कि विद्याॢथयों तक अपनी बात आसानी से कैसे पहुंचाएं। तभी ऑनलाइन पढ़ाई की राह आसान होगी। वीडियो कॉल पर लेक्चर देने में इंटरनेट स्लो होने पर बार-बार व्यवधान होता है। ऐसे में प्रशिक्षण मिले तो उस आधार पर विद्यार्थियों को कक्षाओं से जोड़ा जा सके।