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पश्चिम चंपारण में बारिश और बाढ़ शुरू होते डायवर्ट हो जाती डायवर्सन से गुजरने वाली हजारों जिंदगी

पश्चिम चंपारण में भंग हो जाता नरकटियागंज- लौरिया और सहोदरा का सड़क संपर्कलौरिया में अशोक स्तंभ के पास और सहोदरा में जमुनिया के दोनों तरफ के डायवर्सन बह गए बाढ़ और बारिश की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 05 Jul 2021 04:39 PM (IST)Updated: Mon, 05 Jul 2021 04:39 PM (IST)
पश्चिम चंपारण में बारिश और बाढ़ शुरू होते डायवर्ट हो जाती डायवर्सन से गुजरने वाली हजारों जिंदगी
लगातार बार‍िश और बाढ़़ से लोगों की परेशानी बढ़़ गई है। जागरण

पश्चिम चंपारण, जासं। नरकटियागंज के कई ऐतिहासिक स्थलों और बॉडर की कनेक्टिविटी बरसात शुरू होते ही टूट जाती है। लोगों की  ज‍िंदगी साल के करीब नौ महीने तो सड़कों पर बने डायवर्सन के सहारे रेंगती है। लेकिन बारिश और बाढ़ के दौरान उन रास्तों से लोगों को डायवर्ट होना पड़ता है। मसलन कई दिनों तक वे रास्ते बंद हो जाते हैं। फिर लोगों के मुश्किलों का दौर शुरू हो जाता है। लौरिया को अनुमंडल मुख्यालय से जुडऩे में हर वर्ष यह तबाही झेलनी पड़ती है। मुख्य मार्ग कई दिनों तक ठप रहता है।

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अशोक स्तंभ के पास सिकरहना नदी के दबाव से डायवर्सन तबाह होता रहा है। 2018 में उस जगह पुल निर्माण का कार्य आरंभ हुआ था। लेकिन उस कार्य को पुरातत्व विभाग ने रोक लगा दिया। उसी समय वहां डायवर्सन बनाया गया ताकि मार्ग बंद नहीं हो। लोगों का कहना है कि किसी जनप्रतिनिधि ने तीन साल से अधर में लटके पुल निर्माण की दिशा में भी कोई पहल नहीं की। सुघरछाप निवासी अजय राव, लालू यादव, मोनू राव का कहना है कि सिकरहना नदी के दबाव के कारण क़ई सप्ताह तक प्रखंड मुख्यालय का अनुमंडल मुख्यालय से संपर्क भंग हो जाता है।

आठ पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क सम्पर्क कट जाता है। यहां बाढ़ का पानी उतरनेेे के बाद भी चार पहिया तथा भारी वाहनों का आवागमन लगभग पूरी बरसात प्रभावित रहता है। नरकटियागंज- सहोदरा मुख्य मार्ग में जमुुनिया बाजार से करीब दो किलोमीटर दक्षिण प्रेमनगर के पास कई वर्षों से सड़क की पुलिया नहीं बनी। वहां भी डायवर्सन से आवागमन होता रहा। यह डायवर्सन मूसलाधार बारिश में बह गया है। इसी मार्ग में सहोदरा थाना के पास 2017 की बाढ़ में पुलिया बह गई थी। वहां आवागमन के लिए डायवर्सन ही सहारा था। जो गत दिनों पानी की तेज धारा में बह गया। करीब चार वर्षोंं तक वहां पुलिया निर्माण की दिशा में कोई काम नहीं हुआ। जबकि इस मार्ग से भिखनाठोरी, भतूजला, बलबल आदि आउटपोस्ट पर अर्धसैनिक बलों का आना जाना होता है। बॉर्डर की सुरक्षा में इस मार्ग की काफी अहमियत है। प्रसिद्ध सुभद्रा मंदिर, सोफा मंदिर पहुंचने के लिए यही मुख्य मार्ग है।


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