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मुजफ्फरपुर में सैकड़ों परीक्षार्थियों के परीक्षा में शामिल ना होने से ऑनलाइन सिस्टम पर सवाल

मुजफ्फरपुर में ऑनलाइन परीक्षा केंद्र का सर्वर ठप होने से करीब 15 सौ परीक्षार्थी नहीं दे सके थे बैंक की परीक्षा। उठी मांग ऐसी स्थिति में फिर से परीक्षा आयोजित करने की हो व्यवस्था। साथ ही केंद्र को ब्लैकलिस्टेड करने की भी आवाज उठ रही।

By Murari KumarEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2020 11:38 AM (IST)Updated: Sun, 06 Dec 2020 11:38 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में सैकड़ों परीक्षार्थियों के परीक्षा में शामिल ना होने से ऑनलाइन सिस्टम पर सवाल
मुजफ्फरपुर। कम्प्यूटर की गड़बड़ी से परीक्षा नहीं होने पर हंगामा करते परीक्षार्थी। (फाइल फोटो)

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। देश में अब अधिकतर परीक्षाएं ऑनलाइन ही आयोजित की जा रही हैं। कोरोना संक्रमण काल में यह व्यवस्था और मुफीद हो गई है। मगर, ऑनलाइन परीक्षा के दौरान कंप्यूटर में गड़बड़ी या सर्वर ठप हो जाने से परीक्षार्थियों की मुश्किलें बढ़ जा रही हैं। वे इसमें शामिल नहीं हो पाते हैं। इससे उनके एक साल की मेहनत बेकार हो जाती है। वहीं जिस परीक्षार्थी की उम्र प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए अंतिम हो उनके लिए यह भविष्य का सवाल हो जाता है। ऐसे में इस तरह की गड़बड़ी पर फिर से परीक्षा आयोजित कराने की मांग होने लगी है। साथ ही केंद्र को ब्लैकलिस्टेड करने की भी आवाज उठ रही।

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मालूम हो कि शनिवार को आइबीपीएस के क्लर्क संवर्ग की शहर के एक केंद्र पर आयोजित की गई थी। सुबह की पहली शिफ्ट की परीक्षा के दौरान ही कंप्यूटर में गड़बड़ी आ गई। परीक्षार्थियों ने कंप्यूटर को फिर से स्टार्ट करने का प्रयास किया तो सर्वर ही ठप हो गया। इसके बाद इस केंद्र पर परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी। इस कारण उत्तर बिहार के करीब डेढ़ हजार परीक्षार्थी इस प्रतियोगिता परीक्षा में भाग लेने से वंचित हो गए। उनका गुस्सा फूटा ताे परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों ने उलटे उनकी ही पिटाई कर दी। वहीं प्रशासन की तरफ से भी उन्हें सहयोग नहीं मिला। पुलिस ने भी बलप्रयोग किया। यहां सवाल यह उठ रहा कि जहां इस गड़बड़ी के लिए केंद्र पर कार्रवाई होनी चाहिए थी।

 मगर, परीक्षार्थियों को ही पीटा गया। उनकी किसी ने नहीं सुनी। मोतिहारी के एक परीक्षार्थी राकेश रोशन ने कहा, इस तरह की व्यवस्था किसी सरकार एजेंसी में होनी चाहिए। ताकि, गड़बड़ी पर फिर से परीक्षा ली जा सके। वहीं समस्तीपुर की सौम्या ज्योत्सना की मांग थी कि ऐसी स्थिति पर किसी एक तिथि पर फिर से परीक्षा ली जानी चाहिए। क्योंकि यह भविष्य का सवाल है। सालभर की तैयारी केंद्र की गड़बड़ी से आखिर कैसे बर्बाद हो सकती है। खगड़िया के राहुज राज, सुमन यादव, अभिमन्यु कुमार आदि की मांग थी कि केंद्र परीक्षार्थी के संबंधित जिले में हो। साथ ही वहां किसी सरकारी शैक्षणिक संस्थान में ऑनलाइन परीक्षा ली जाए। इसके लिए डीआरसीसी सेंटर का चयन किया जा सकता है। ताकि, इस तरह की नौबत नहीं आए।


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