Valmiki Tiger Reserve: लाठी के सहारे वीटीआर के जंगल की रक्षा, सुरक्षा में तैनात पांच सौ वनकर्मियों के पास हथियार नहीं
Valmiki Tiger Reserve West Champaran News वीटीआर की सुरक्षा में लगाए गए वनकर्मियों के पास हथियार के नाम पर सरकार ने लाठी थमा रखी है। इसके चलते कई बार तस्करी में संलिप्त तस्करों से जब इनका सामना होता तो पीछे हटना पड़ता है।
वाल्मीकिनगर, जेएनएन। वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) की सुरक्षा में लगाए गए वनकॢमयों के पास हथियार के नाम पर सरकार ने लाठी थमा रखी है। इसके चलते जंगल में जानवरों, जड़ी-बूटियों व कीमती पेड़ों की तस्करी में संलिप्त तस्करों से जब वनकॢमयों का सामना होता तो उन्हेंं पीछे हटना पड़ता है। वजह, तस्कर अत्याधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं। कई बार यह मांग उठ चुकी है कि सशस्त्र दस्ते को सुरक्षा में लगाया जाए, परंतु अब तक पहल नहीं हुई है।
वीटीआर एक ओर उत्तर प्रदेश तो दूसरी तरफ नेपाल से घिरा है। आसपास के गांवों के लोग अक्सर जंगल में घुसपैठ करते हैं। वन तस्कर भी सक्रिय रहते हैं। मौका मिलने पर जंगली जानवरों का शिकार करते हैं। सुरक्षा के लिए संविदा पर तकरीबन 500 वनकर्मी तैनात हैं। ये लाठी के सहारे पेट्रोलिंग करते हैं। इसमें टाइगर ट्रैकर भी शामिल हैं। सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए वर्ष 2018 में वीटीआर प्रशासन ने वन मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को पत्र भेजा था, लेकिन कुछ नहीं हो सका है। वीटीआर के मुख्य वन संरक्षक एचके राय का कहना है कि सुरक्षा को लेकर पूरी तरह चौकस हैं। अन्य सुरक्षाकर्मियों की बहाली के भी प्रयास हो रहे हैं।