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ब‍िहार में उपलब्ध होंगे Poland में बने थ्रीडी प्रिंटर मास्क, सीएम से मांगी अनुमति

इंडो-यूरोपियन एजुकेशन फाउंडेशन ने विदेश मंत्रालय के माध्यम से राज्य सरकार को भेजा पत्र मांगी अनुमति। फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप ने कहा-बिहार का होने के नाते यह मेरा कर्तव्य।

By Murari KumarEdited By: Published: Tue, 09 Jun 2020 04:48 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jun 2020 04:48 PM (IST)
ब‍िहार में उपलब्ध होंगे Poland में बने थ्रीडी प्रिंटर मास्क, सीएम से मांगी अनुमति
ब‍िहार में उपलब्ध होंगे Poland में बने थ्रीडी प्रिंटर मास्क, सीएम से मांगी अनुमति

मधुबनी, [मदन कुमार कर्ण]। सूबे को कोरोना से लड़ने के लिए पोलैंड से थ्रीडी प्रिंटर से बने उच्च गुणवत्ता वाले मास्क उपलब्ध होंगे। ये मास्क राज्य में कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी व अन्य के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए पोलैंड की इंडो-यूरोपियन एजुकेशन फाउंडेशन ने पहल की है। इसके अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के माध्यम से पत्र भेज मुख्यमंत्री से अनुमति मांगी है।

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 मधुबनी जिले के बाबूबरही प्रखंड के सर्रा गांव निवासी डॉ. प्रदीप पोलैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ अप्लाइड साइंसेस, वारसा में प्रोफेसर हैं। इसी विवि के इंजीनियरिंग के छात्रों ने कोविड-19 से बचाव के लिए थ्रीडी प्रिंटर मास्क तैयार किया है। इसे पोलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय से मान्यता मिल चुकी है। दैनिक जागरण से बातचीत में डॉ. प्रदीप ने कहा कि कोरोना के चलते बिहार के लिए अगले तीन-चार माह काफी संकटपूर्ण हो सकते हैं।

 ऐसे में बिहार का पुत्र होने के नाते वे अपने फर्ज का निर्वहन करना चाहते हैं। अस्पतालों में सेवा देने वाले कोरोना योद्धाओं के लिए थ्रीडी ¨पट्रर मास्क निशुल्क उपलब्ध कराना चाहते हैं। बिहार सरकार की अनुमति मिलते ही उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त हैदराबाद व मुंबई में सैनिटाइज व सैनिटरी नैपकिन मुफ्त उपलब्ध कराने के लिए पोलैंड की कंपनी इजमो से बात चल रही है।

ऐसा होता है यह मास्क 

थ्रीडी प्रिंटर से बना यह मास्क ग्लास का होता है। वायरस निरोधी यह मास्क सिर, नाक, मुंह व कान को ढंककर रखता है। इसे सैनिटाइज कर लंबी अवधि तक प्रयोग किया जा सकता। पोलैंड में इसकी कीमत दो से पांच डॉलर तक है।

व्यापार से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में मदद का प्रयास

भेजे पत्र में डॉ. प्रदीप ने यह भी जिक्र किया है कि पोलैंड के काटोविस में 2018 में हुए इंडो-पोलैंड इकोनॉमी फोरम के दौरान उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी व जदयू सांसद केसी त्यागी का बेहतर सहयोग मिला था। पोलैंड व अन्य सहयोगी कंपनियों को बिहार में निवेश कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग किया जा रहा है।


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