पीएचईडी की पाइप लाइन फटने से नहीं मिल पा रहा स्वच्छ पानी
मैं मुरौल प्रखंड मुख्यालय पंचायत सादियकपुर मुरौल हूं।
मुजफ्फरपुर। मैं मुरौल प्रखंड मुख्यालय पंचायत सादियकपुर मुरौल हूं। मेरी गोद में प्रखंड मुख्यालय सहित सभी कार्यालय होने के बावजूद विभिन्न समस्याओं से आज भी ग्रसित हूं। प्रखंड मुख्यालय परिसर में एक करोड़ की लागत से पीएचईडी द्वारा हर घर नल योजना से पाइप लाइन एक दशक पूर्व लगाई गई, पंरतु आजतक किसी को स्वच्छ जल नहीं मिल पाया। हमेशा मोटर बंद ही रहता है। कभी-कभी अचानक चला देने से पाइप लाइन दुरुस्त नहीं होने से पानी सड़कों पर बर्बाद हो जाता है। पूरी पंचायत में नल तो लगा दिया गया, लेकिन ये केवल दिखावे भर के हैं। यही कारण रहा कि हर घर जल योजना पंचायत में लागू नहीं की जा सकी। इस योजना से वार्ड-एक व दो में तो पाइप लाइन आजतक नहीं बिछाई जा सकी। काफी प्रयास से दो वार्ड में हर घर जल योजना से कार्य कराया गया जो अंतिम मुकाम पर है। पंचायत की अधिकतर सड़कें जर्जर हैं। वर्षात के दिनों में इन सड़कों पर पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है। मुख्यालय पंचायत होने के बावजूद फकीरौना टोला में बिजली पोल नहीं होने से कई परिवार अबतक बिजली की सुविधा से वंचित हैं। पंचायत में शौचालय निर्माण के बाद भी पंचायत के तीन सौ परिवारों को आज भी शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि नहीं मिली। पंचायत के कई स्थानों पर नाला निर्माण नहीं होने से जलजमाव की समस्या से ग्रामीणों को हमेशा जूझना पड़ता है। पंचायत के अधिकतर पेंशनरों के खाते में राशि नहीं जा रही है। वृद्ध जब इसकी शिकायत लेकर प्रखंड कार्यालय में जाते हैं तो वहां से मुखिया के पास जाने को कहा जाता है, परंतु पंचायत में उनका कोई रिकार्ड नहीं है। पंचायत में वर्ष 2013 से कन्या विवाह योजना के 98 लाभार्थियों को राशि नहीं मिली। बीपीएल परिवारों को वेंडर के माध्यम से केरोसिन का वितरण नहीं किया जा रहा है। पंचायत में सरकार भवन है लेकिन उसकी कंटीजेंसी राशि पांच लाख मुरौल के स्थान पर सकरा चली गई। प्रखंड प्रशासन को बार-बार आवेदन देने के बाद भी आजतक वह राशि सकरा से मुरौल वापस नहीं हो सकी जिस कारण पंचायत सरकार भवन का रख-रखाव काफी मुश्किल हो गया है। मनरेगा पदाधिकारियों की मनमानी के आगे मनरेगा योजना से कोई भी कार्य हो पा रहा है। उनके द्वारा मिट्टी ढुलाई का कार्य बगैर कैरेज चार्ज करने को कहा जाता है जबकि पंचायत के आसपास मिट्टी कटाई का कोई स्थान नहीं है। पंचायत के बीचोंबीच तिरहुत नहर फेज दो के गुजरने से पंचायत के कई लोग बेघर हो जाएंगे। उनके लिए सरकार द्वारा कोई सहायता नहीं दी जा रही है। इससे नहर के निर्माण से लोगों में हर्ष की बजाए दुख है, क्योंकि लोग इस नहर के लाभ से अधिक नुकसान देख रहे हैं।
पंचायत एक नजर में -
वार्ड-12
जनसंख्या-12000
मतदाता -7000
प्राथमिक विद्यालय -05
मध्य विद्यालय -01
उच्चत्तर विद्यालय -01
आगंनबाड़ी केंद्र -08
जविप्र दुकान-04
पंचायत में ये रहे उपस्थित -
सुशांत कुमार, शर्मिला देवी, संझा देवी, कुंदन कुमार, धर्मेंद्र कुमार, सुबोध कुमार, राहुल कुमार, हरिश्चंद्र राय, ललिता देवी, सुमन देवी, सुधांशु कुमार, अखिलेश कुमार, सकलदीप राय, राजू राय, मिथिलेश कुमार, आदित्य प्रकाश, शिवलाल राय, अवधलाल राय, संतोष कुमार,रामकुमार राय, पवन कुमार, कुमारी सीता यादव आदि मौजूद रहे।
वर्जन
प्रखंड मुख्यालय के प्रांगण में पीएचईडी द्वारा एक करोड़ की लागत से लगी पाइप लाइन केवल दिखावे की है। इससे पंचायत के लोगों को स्वच्छ जल नहीं मिल पाता है। और तो और कभी-कभार अचानक चला देने से उसका पानी सड़कों पर आ जाता है। जबकि इस योजना के होने से हर घर जल योजना पंचायत में प्रारंभ नहीं हो सकी जिससे पंचायत की अधिकतर आबादी को स्वच्छ जल नहीं मिल पा रहा है। पंचायत में शौचालय निर्माण के बाद लगभग तीन सौ परिवार को शौचालय निर्माण की प्रोत्साहन राशि नहीं मिल सकी है। वर्ष 2013 से 98 कन्या विवाह के लाभार्थियों को राशि नहीं मिल सकी है।
प्रमिला देवी, मुखिया।
मोबाइल एवं व्हाट्सएप नंबर -9934836524