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रेलवे डुबो रहा शहर, निगम प्रशासन बेबस

सिटी मैनेजर ओम प्रकाश ने कहा कि

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 01:20 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 02:04 AM (IST)
रेलवे डुबो रहा शहर, निगम प्रशासन बेबस
रेलवे डुबो रहा शहर, निगम प्रशासन बेबस

मुजफ्फरपुर। हर साल रेलवे शहर के उत्तरी भाग को डूबो देता है। शहर के बीचों-बीच रेलवे टै्रक गुजरा है। ट्रैक की चौड़ाई लगभग 200 फीट है। ट्रैक के नीचे से होकर गुजरने वाले संकीर्ण नाला से शहर के उत्तरी भाग का पानी दक्षिण की तरफ जाता है। लेकिन सुरक्षा कारणों से पिछले दो दशक से टै्रक के नीचे बने नाला की उड़ाही नहीं हो पाई है जिससे शहर के उत्तर भाग का पानी नहीं निकल पाता और वहां भारी जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और इस संकट के सामने निगम प्रशासन बेबस नजर आता है।

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शहर में चार स्थानों, सादपुरा, पांडे गली, कटही पूल एवं पंपु पोखर के पास ट्रैक के नीचे नाला बना है जिसकी सफाई को लेकर हर साल नगर निगम एवं रेल प्रशासन के अधिकारियों के बीच बैठक होती है। नाला उड़ाही की प्लानिंग बनती है लेकिन काम नहीं हो पाता। इस साल भी रेलवे के कारण शहर का उत्तरी भाग डूबेगा।

बेदम नालों की उड़ाही पर होता है लाखों खर्च : शहर के सभी नए एवं पुराने नाले बेदम हो चुके हैं। वे गली-मोहल्ले एवं शहर का पानी निकालने में अक्षम है। बिना आउटलेट के बने इन नालों से पानी नहीं निकल पाता। लेकिन उनकी उड़ाही के नाम पर अतिरिक्त मजदूरों एवं सफाई उपकरणों की खरीद पर लाखों रुपये खर्च होते हैं। बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है।

आउटलेट के अभाव में किसी काम के नहीं नाले : नई बाजार निवासी रवि कपूर ने कहा कि निगम द्वारा नाला की उड़ाही की गई है लेकिन इससे समस्या से मुक्ति नहीं मिलने वाली। आधे घंटे के पानी में शहर पानी-पानी हो जाता है। शहर में नाले बने, लेकिन आउटलेट नहीं होने से वे किसी काम के नहीं हैं। निगम इस पीड़ा से मुक्त के स्थायी उपायों पर ध्यान नहीं दे रहे।

अधिवक्ता संजीव कुमार ने कहा कि शहरवासियों को जलजमाव से मुक्ति नहीं मिलने वाली। बरसात आने पर कहा जाता है कि अगले साल से परेशानी नहीं होगी, लेकिन उनका अगला साल कब आएगा पता नहीं। जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों का जुमला जलजमाव शहरवासियों के लिए पीड़ा बन गई है।

सिटी मैनेजर ओम प्रकाश ने कहा कि बरसात पूर्व शहर की सभी नालियों की उड़ाही की गई है। जो बचे हैं उनकी भी उड़ाही कराई जा रही है। स्थायी निदान को बुडको द्वारा जलनिकासी की योजना पर काम चल रहा है।


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