शहर डूबने पर आती जलनिकासी योजना की याद
जलजमाव शहरवासियों के लिए अंतहीन पीड़ा बनी है।
मुजफ्फरपुर : जलजमाव शहरवासियों के लिए अंतहीन पीड़ा बनी है। यह एक या दो दिन की नहीं, सालों से लोगों को सता रही है। बरसात में तो और भी कष्टदायक हो जाती है। थोड़ी सी बारिश में ही शहर तैरने लगता है। कई मोहल्ले तीन माह तक टापू बन जाते हैं। शहर में दो दर्जन मोहल्ले ऐसे हैं जहां सालोंभर सड़क गंदे पानी का तालाब बनी रहती है। कारण, शहर से जलनिकासी के लिए वर्षो पूर्व बनी योजना बढ़ती आबादी व अतिक्रमण से दम तोड़ चुकी है। समस्या से मुक्ति के लिए दो दशक से शहर का मास्टर प्लान, ड्रेनेज सिस्टम व सीवरेज सिस्टम बन रहा है, लेकिन कागजों पर। नाला निर्माण के नाम पर सरकार द्वारा विभिन्न योजना मदों से पिछले पांच सालों में सौ करोड़ से अधिक रुपये दिए गए। लेकिन, बगैर आउटलेट के गली, मोहल्लों से लेकर मुख्य सड़कों में नाले बना दिए गए। इनसे शहर का तो दूर लोगों के घरों का पानी तक नहीं निकल पाया। सारा पैसा नाला में बहा दिया गया, लेकिन शहर का पानी नहीं निकला। वहीं, हर साल बेदम नालों की उड़ाही पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। बारिश होते ही नाला उड़ाही की पोल खुल जाती है। योजना के काम के नाम पर हो रही खानापूरी
दो साल पहले सरकार ने शहर की जलनिकासी योजना को मंजूरी दी और इसके लिए 183 करोड़ रुपये का आवंटन दिया। योजना को जमीन पर उतारने का जिम्मा बिहार शहरी आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (बुडको) को दिया गया। टेंडर हुआ और काम का जिम्मा मेसर्स खिलाड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड का दिया गया। नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने इसका शिलान्यास किया। शिलान्यास के एक साल बाद काम शुरू हुआ, लेकिन सिर्फ खानापूरी।
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इनसेट :
183 करोड़ की जलनिकासी योजना
मुजफ्फरपुर : जलनिकासी के लिए 183 करोड़ की योजना बनी। इसके तहत 22.5 किमी में 5.68 किमी कल्वर्ट व 16.72 किमी खुले बड़े नाले का निर्माण होगा। साथ ही 21 कल्वर्ट का भी निर्माण होगा। तीन स्पेशल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण मनिकामन, फरदो नाला व तिरहुत नहर के पास होगा। एक दशक तक उसके रखरखाव व संचालन की जिम्मेदारी काम करने वाली एजेंसी पर होगी। चार आउटलेट से निकलेगा शहर का पानी
बारिश का पानी हो या लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी इसे शहर से बाहर निकालने के लिए योजना के तहत चार आउटलेट का निर्माण होगा।
- कल्याणी चौक से कलमबाग-छाता चौक-दामू चौक होते हुए खबड़ा गांव तक।
- कल्याणी चौक से बाबा गरीब नाथ मंदिर होते हुए मनोकामना तक।
- मिठनपुरा चौक से औद्योगिक क्षेत्र होते हुए तिरहुत नहर तक।
- भगवानपुर चौक से रेवा रोड होते हुए फरदो नदी तक।
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कोट
योजना का कार्यान्वयन बुडको को कराना है। स्वीकृति के दो साल बाद एक नाला निर्माण का कार्य शुरू किया गया है। महज खानापूरी की जा रही है।
सुरेश कुमार, महापौर
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