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बागमती के जलस्तर में वृद्धि से दहशत

बागमती के जलस्तर में वृद्धि से लोगों को एक बार फिर बाढ़ का भय सताने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 02:28 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 02:28 AM (IST)
बागमती के जलस्तर में वृद्धि से दहशत
बागमती के जलस्तर में वृद्धि से दहशत

मुजफ्फरपुर : बागमती के जलस्तर में वृद्धि से लोगों को एक बार फिर बाढ़ का भय सताने लगा है। प्रखंड मुख्यालय जाने के मार्ग में बागमती पर स्थित पीपा पुल का किनारा डूब गया जिससे आवागमन बाधित हो गया। वहीं, जलस्तर में वृद्धि जारी रही तो कई मार्गो पर पानी चढ़ने का खतरा मंडराने लगा है।

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बागमती के जलस्तर में मंगलवार को लगभग दो फीट की वृद्धि आंकी गई। इसे देखते हुए बाढ़ पीडितों की चिंता बढ़ गई है। घर लौट चुके विस्थापित एक बार फिर बाढ़ की आशंका से भयभीत हो गए हैं। कई सप्ताह तक विस्थापन की पीड़ा झेल चुके लोगों को घर गृहस्थी को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। इस बार समय पूर्व आई बाढ़ सबसे अधिक किसानों के लिए नुकसानदायक रही। खरीफ फसल पर ग्रहण लग गया। वहीं साग-सब्जी की खेती चौपट हो गई जो आजीविका का साधन था। खेतों में पानी लगे रहने के कारण धान का बिचड़ा तैयार नहीं हो सका। बाढ़ की भेंट चढ़ चुकी खेती से परेशान किसानों के लिए प्रशासनिक उपेक्षा भी परेशानी का सबब बन गई। किसानों ने सरकारी नियम के तहत फसल सहायता योजना के तहत प्रखंड सहकारिता कार्यालय में आवेदन किया। लेकिन, विभागीय लापरवाही के कारण 80-90 फीसद किसानों का आवेदन रद कर दिया गया जिसे लेकर प्रखंड के किसान आंदोलित हैं तथा सरकार से पुनर्विचार के लिए आग्रह किया है। इधर, बाढ़ के पानी का घटने-बढ़ने का सिलसिला जारी है जिससे किसानों को दुविधा में डाल रखा है। अबतक बाढ़ राहत से भी किसान वंचित हैं जिसे लेकर क्षोभ है। प्रखंड के कई भागों में अभी यातायात बहाल नहीं हो पाया है। बाढ़ में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत नहीं हो पायी है। लोगों को चिंता सताने लगी है कि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो एक बार फिर बेघर होना पडे़गा।


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